नई दिल्ली ।प्रेमचंद साहित्य के विशेषज्ञ एवम केंद्रीय हिंदी संस्थान के पूर्व उपाध्यक्ष डॉक्टर कमल किशोर गोयनका का आज यहाँ निधन हो गया ।वह 86 वर्ष के थे और पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे।
11 अक्टूबर 1938 को उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में जन्मे श्री गोयल दिल्ली विश्वविद्यालय के जाकिर हुसैन कॉलेज से रिटायर होने के बाद साहित्य सेवा में लगे हुए थे । उन्होंने प्रेमचन्द के जीवन और व्यक्तिव के बारे में ऐसे दुर्लभ दस्तावेज एवम तथ्य पेश किए थे जिसे विवाद भी खड़ा हुआ था।
व्यास सम्मान और साहित्य भूषण सम्मान से सम्मानित डॉक्टर गोयनका ने प्रेमचंद विश्व कोष खंड तथा प्रेमचंद रचनावली का संपादन किया था।
वह मुंशी प्रेमचन्द के जीवन, विचार तथा साहित्य के शोध पर लगभग 52 वर्षों से निरंतर कार्यरत थे ।, प्रेमचन्द पर आलोचकों की पुरानी मान्यताओं को खण्डित करके एवं नई मान्यताओं एवं निष्कर्षो का प्रतिपादन करते हुए उन्होंने शोध एवं अध्ययन की नई दिशाओं का उद्घाटन किया है।
प्रेमचन्द पर उनके लगभग 300 शोध–आलेख तथा 35 पुस्तकें प्रकाशित हैं ।वे 22 खण्डों में प्रेमचन्द की रचनावली के संपादक थे।वे विश्व हिंदी सम्मेलन से भी जुड़े थे ।
— इंडिया न्यूज स्ट्रीम











