नई दिल्ली । राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय( एनएसडी ) 14अगस्त से दक्षिण एशिया एवम प्रशान्त क्षेत्र के आठ देशों का नाट्य महोत्सव आयोजित कर रहा है जिसमे 44 प्रतिनिधिमंडल भाग लेंगे।
पांच दिन तक चलने वाले सत्रहवें पैसिफिक बांड थिअटर स्कूल्स फेस्टिवल एंड डायरेक्टर्स मीट की मेजबानी इस बार भारत कर रहा है।
इसके अलावा एनएसडी अपने रंगमंडल की हीरक जयंती 23 अगस्त से 8 सितम्बर तक मना रहा है जिसके दौरान नाटक खेलें जाएंगे चित्र प्रदर्शनी आयोजित की जाएगी एवम सेमिनार आदि भी होंगे। एक काफी टेबल बुक भी निकलेगा।
इसकेसाथ एनएसडी देश भर में दो साल तक ” रंग रथ ” यात्रा भी शुरू करेगी जिसमें एक बस में सवार होकर रंगमंडल के कलाकार विभिन्न शहरों में जाकर नाटक करेंगे और स्कूलों आदि में उनक़ा प्रदर्शन करेंगे।
यह जानकारी एनएसडी के निदेशक चितरंजन त्रिपाठी ने दी।इस हीरक जयंती के अवसर पर श्री त्रिपाठी का 25 साल से देश भर में खेला जा रहे नाटक ताजमहल के टेंडर का भी प्रदर्शन होगा जिसमें 1998 में हुई पहली प्रस्तुति के कलाकार भाग लेंगे।इस नाटक में शाहजहां का अभिनय श्री त्रिपाठी करेंगे।
उन्होंने आज पत्रकारों को इन दोनों आयोजन की जानकारी देते हुए बताया कि पहली बार एनएसडी इस “”रंग रथ” यात्रा को शुरू कर रहा है ताकि घर घर तक थिएटर को पहुंचाया जाए।दिल्ली से यह यात्रा शुरू होगी और पहले चरण में ग्वालियर जाएगी ।इस तरह हम लोग मुम्बई कोलकत्ता बेंगलूर और अन्य शहरों में भी जाएंगे। इसके अलावा श्रीलंका नेपाल भूटान एवं बंग्लादेश भी जाएंगे जब वहां की स्तिथि ठीक हो जाएगी।हम लोग अमरीका यूरोप और आस्ट्रेलिया आदि जाने की भी योजना बना रहे ताकि भारतीय रंगमचं को दुनिया में पहुंचाया जा सके।भारत मे साढ़े तीन हज़ार साल पहले भरत मुनि ने नाटक का पहला शास्त्र “नाट्यशास्त्र” लिखा था। रंग रथ यात्रा की गतिविधियों का दस्तावेजीकरण होगा और दो साल के बाद उसकी पुस्तक भी निकाली जाएगी।
उन्होंने बताया कि 14 अगस्त सेशुरू होने वाले एशिया पेसिफिक फेस्टिव
लमें चीन कोरिया इंडोनेशिया सिंगपुर जापान हॉंगकॉंग बंग्लादेश मंगोलिया की नाट्य मंडलियां नाटक करेंगी और कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी। एनएसडी के छात्र उद्घटान नाटक ‘राम विजय” मंचित करेंगे।
समापन नाटक 19 को इंद्रजीत नाटक से होगा।
भारत तीसरी बार इस फेस्टिवल काआयोजन कर रहा है।इससे पहले2011 और 2016 में भी भारत मेजबानी कर चुका है और कुल 6 देशों में हुए आयोजनों में भी भाग ले चुका है।
रंगमंडल प्रमुख राजेंश सिंह ने बताया कि 23 अगस्त से शुरू हो रही हीरक जयंती में 9 नाटक खेले जाएंगे और उद्घाटन समुद्र मंथन से होगा।समापन ताजमहल के टेंडर से होगा।इस दौरान आंधयुग, लैला मजनू ,बाबू जी बन्द गली का आखिरी मकान ,माई रेकासे कहूँ आदि का मंचन होगा। समापन रंग संगीत से होगा जिसमें ब ब कारन्त काजल घोष पीयूष मिश्र भास्कर चंद्रावरकर के संगीत को पेश किया जाएगा।
इस बार टिकटों के दामों में वृद्धि की गई है और 200 से 900 रुपए तक होंगे।
रंगमंडल की स्थापना 1964 में चार कलाकारों से हुई थी और पहले प्रमुख प्रख्यात अभिनेता ओम शिवपुरी थे।रंगमंडल से ओम पुरी अनुपम खेर रामगोपाल बजाज रघुवीर यदावजैसे नामचीन कलाकार जुड़े रहे।60 वर्षों में इसने 300 नाटक किये।