जयपुर । राजस्थान सरकार ने साफ किया है कि जो अस्पताल राजस्थान सरकारी स्वास्थ्य योजना (आरजीएचएस) के तहत इलाज देने से मना करेंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। बुधवार को जारी एक बयान में कहा गया है कि ऐसे अस्पतालों को योजना की सूची से बाहर कर दिया जाएगा और उनकी जगह नए अस्पतालों को शामिल किया जाएगा।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख सचिव गायत्री राठौड़ ने बताया कि आरजीएचएस के तहत सेवाएं न देने वाले अस्पतालों की सूची बनाई जा रही है। नियमों के अनुसार उन पर कार्रवाई होगी और उन्हें पैनल से हटा दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि अभी राज्य के आधे से ज्यादा अस्पताल योजना के तहत इलाज दे रहे हैं, लेकिन कुछ अस्पताल सहयोग नहीं कर रहे हैं। मरीजों को परेशानी न हो, इसके लिए सरकार हर बड़े इलाके में नए अस्पतालों को शामिल करने की तैयारी कर रही है। अब तक पूरे प्रदेश से 350 से ज्यादा अस्पताल इस योजना से जुड़ने के लिए आवेदन दे चुके हैं।
दरअसल, जयपुर के करीब 5 से 7 निजी अस्पतालों में गड़बड़ी की शिकायतें आई थीं। इन पर जांच हुई और हजारों से लेकर लाखों रुपये तक का जुर्माना लगाया गया। इसके बाद जुर्माने से बचने के लिए कुछ अस्पताल संचालकों ने नया संगठन बना लिया और आरजीएचएस के तहत सेवाएं बंद करने का ऐलान कर दिया। उन्होंने पूरे प्रदेश के निजी अस्पतालों और मेडिकल स्टोर्स को भी इस विरोध में शामिल करने की कोशिश की।
इस बीच स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि लंबित भुगतान का बड़ा हिस्सा चुका दिया गया है। अप्रैल से अब तक अस्पतालों को आरजीएचएस के तहत 850 करोड़ रुपये से ज्यादा का भुगतान किया जा चुका है। मार्च 2025 से पहले के लगभग सभी बकाए भी निपटा दिए गए हैं। केवल उन अस्पतालों के भुगतान रोके गए हैं जिन पर गड़बड़ी की शिकायतें साबित हुई हैं या जिनकी जांच अभी चल रही है। ऐसे अस्पतालों को दिए गए भुगतान या तो जांच के दायरे में हैं या उल्लंघनों के कारण पहले ही रोक दिए गए हैं।
–आईएएनएस