नई दिल्ली । दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) अदालत ने देश में आतंकी हमले की साजिश रचने के मामले में दो आरोपियों को दोषी ठहराया है।
एनआईए कोर्ट ने जहूर अहमद पीर और नजीर अहमद पीर को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) की धारा 18, 19 और 39 के तहत दोषी ठहराया है।
जहूर अहमद पीर और नजीर अहमद पीर पर आरोप था कि वे आतंकवादी बहादुर अली को साजिश रचने, पनाह देने और मदद करने में शामिल थे।
बहादुर अली हिजबुल कमांडर बुरहान वानी की हत्या के बाद कश्मीर में आंदोलन भड़काने के लिए पाकिस्तान से भारत में घुसपैठ कर आया था।
कोर्ट इन दोनों दोषियों की सजा पर 8 जनवरी को फैसला सुनाएगा।
एनआईए ने सितंबर 2017 में कुपवाड़ा के रहने वाले नजीर अहमद पीर और जहूर अहमद पीर को गिरफ्तार किया था।
बता दें कि एनआईए ने 2017 में दो कश्मीरी लोगों को गिरफ्तार किया था। आरोपियों की पहचान नजीर अहमद पीर और जहूर अहमद पीर के तौर पर हुई। दोनों जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा स्थित वहामा के रहने वाले हैं। इन दोनों की गिरफ्तारी आतंकी बहादुर अली के मामले में की गई थी। अदालत इस मामले में 2017 से ही सुनवाई कर रही थी। लगभग आठ साल तक चली सुनवाई के बाद एनआईए की विशेष अदालत ने अपना फैसला सुनाया। सुनवाई के दौरान दोनों आरोपियों पर दोष सिद्ध हुआ। अदालत अब 8 जनवरी को आरोपियों को सजा सुनाएगी।
जानकारी के अनुसार, 25 जुलाई 2016 को हंदवाड़ा से लश्कर आतंकी बहादुर अली को अरेस्ट किया गया था। जहूर और नजीर पर बहादुर अली को घुसपैठ में मदद करने के आरोप हैं। इस दौरान बहादुर अली के पास से भारी मात्रा में हथियार बरामद किए गए थे।
वहीं, एनआईए ने दिल्ली के लाल किले के पास हुए कार बम धमाके के मामले में एक और आरोपी को गिरफ्तार किया है। यह इस मामले में नौवीं गिरफ्तारी है। आरोपी की पहचान जम्मू-कश्मीर के शोपियां निवासी यासिर अहमद डार के रूप में हुई है।
एनआईए ने उसे दिल्ली से पकड़ा और पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया, जहां अदालत ने उसे 26 दिसंबर तक एजेंसी की हिरासत में भेज दिया।
–आईएएनएस











