लखनऊ । समाजवादी पार्टी के विधायक रविदास मेहरोत्रा ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला है। उनका कहना है कि कांग्रेस गठबंधन करती है लेकिन गठबंधन के नियमों का पालन नहीं करती। वहीं असम सरकार के बहुविवाह कानून को लेकर भी उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया दी है।
रविदास मेहरोत्रा ने आईएएनएस से बातचीत में कहा है कि बिहार चुनाव के दौरान 13 जगहों पर राजद के खिलाफ कांग्रेस के प्रत्याशी मैदान में उतरे थे। इससे जनता में छवि खराब हुई। साल 2017 में मैं विधायक और मंत्री था। मुझे टिकट मिल गया। तब राहुल गांधी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे। उन्होंने अखिलेश यादव के साथ रोड शो किया था। मेरे लिए वोट मांगा लेकिन बाद में मेरे खिलाफ ही उम्मीदवार खड़ा कर दिया।
2017 में नतीजा यह हुआ कि भाजपा के बृजेश पाठक चुनाव जीत गए, लेकिन साल 2022 में हमारा गठबंधन नहीं हुआ। मैं फिर मैदान में उतरा और बृजेश पाठक इस क्षेत्र की जगह कहीं और से चुनाव लड़े। इस बार मैं जीत गया।
कांग्रेस को नसीहत देते हुए उन्होंने कहा कि उसे पहले यह तय कर लेना चाहिए कि नियमों का पालन करेगी या नहीं। रविदास मेहरोत्रा ने कहा कि सपा यूपी में अकेले सरकार बनाने में सक्षम है। हम चाहते हैं कि गैर-भाजपाई वोटों का बंटवारा न हो, इसलिए कांग्रेस को सपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ना चाहिए।
जीडीपी को लेकर उन्होंने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा, “अगर जीडीपी 8 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ी है तो खरीददारी क्यों नहीं बढ़ी? लोगों को नौकरियां क्यों नहीं मिली? महंगाई में कमी क्यों नहीं आई? सपा नेता ने कहा कि गरीब और गरीब हो रहा है। खरीदने के लिए उसके पास पैसे नहीं हैं। नौकरी देने की जगह, लोगों को नौकरी से निकाला जा रहा है। भाजपा देश को गुमराह कर रही है।”
असम सरकार द्वारा बहुविवाह विधेयक पारित किए जाने पर सपा विधायक रविदास मेहरोत्रा ने कहा कि पूरे देश में एक कानून होना चाहिए। केंद्र में भाजपा की सरकार है, तो अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग कानून क्यों? भाजपा की सरकार जनता को मुख्य मुद्दों से भटकाना चाहती है। कोई भी सीएम महंगाई, भ्रष्टाचार, रोजगार, शिक्षा या स्वास्थ्य पर कोई बयान नहीं देता है।
कांग्रेस के नेता संदीप दीक्षित ने कहा कि संगठन की कमजोरी के कारण हम लोग चुनाव हारे हैं। इस पर रविदास मेहरोत्रा ने कहा कि उन्हें संगठन मजबूत करना चाहिए। यूपी में सपा पूरी कोशिश कर रही है कि एसआईआर में किसी का नाम न छूटे। कोई मतदाता का नाम कटने न पाए। ऐसा ही प्रयास उन्हें भी करना चाहिए था। भाजपा की सरकार विपक्षी मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से काटने की कोशिश कर रही है। धांधली और बेईमानी करके वह चुनाव जीतना चाहती है।
–आईएएनएस











