नई दिल्ली । भारत के पूर्व बाएं हाथ के स्पिन गेंदबाज मुरली कार्तिक ने टेस्ट, वनडे और टी20 तीनों प्रारूपों में टीम इंडिया का प्रतिनिधित्व किया। मुरली कार्तिक अपनी टर्न और उछाल से बल्लेबाजों को फंसाते थे। उनकी गेंदें हवा में देर से गिरती और बल्लेबाज शॉट खेलने के लिए जल्दीबाजी में गलती कर बैठते।
खासकर साल 2004 में मुंबई टेस्ट में कार्तिक ने अपनी स्पिन से ऑस्ट्रेलिया की मजबूत बैटिंग लाइनअप को मुश्किल में डाल दिया था। उन्होंने इस मुकाबले में भारत को करीबी अंतर से जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई।
11 सितंबर 1976 को मद्रास में जन्मे मुरली कार्तिक ने घरेलू स्तर पर शानदार प्रदर्शन करते हुए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में जगह बनाई।
फरवरी 2000 में छह फीट लंबे इस गेंदबाज को डेब्यू का मौका मिला। साउथ अफ्रीका के खिलाफ इस मुकाबले में कार्तिक ने तीन विकेट अपने नाम किए।
साल 2004 में मुरली कार्तिक को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज के लिए चुना गया।
मुरली कार्तिक सीरीज के शुरुआती दो मुकाबलों में जगह नहीं बना सके थे। बेंगलुरु में खेले गए पहले मैच को ऑस्ट्रेलिया ने 217 रन से जीता, जिसके बाद चेन्नई टेस्ट ड्रॉ रहा।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज के तीसरे मुकाबले में कार्तिक को मौका मिला। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी में 57 रन देकर 3 विकेट लेने के बाद दूसरी पारी में 74 रन देकर 2 शिकार किए, लेकिन भारत ने मुकाबला 342 रन से गंवा दिया।
टीम इंडिया चार मुकाबलों की सीरीज में 2-0 से पिछड़ चुकी थी। जाहिर था कि भारत अब इस सीरीज को नहीं जीत सकता था, लेकिन मुंबई टेस्ट को जीतकर उसके पास सम्मान बचाने का मौका था।
टीम इंडिया वानखेड़े स्टेडियम में पहली पारी के दौरान महज 104 रन पर सिमट गई।
इसके जवाब में ऑस्ट्रेलियाई टीम बल्लेबाजी के लिए उतरी, लेकिन अनिल कुंबले और मुरली कार्तिक ने विपक्षी टीम के बल्लेबाजों की खूब परीक्षा ली।
कुंबले ने 19 ओवरों में 90 रन देकर 5 शिकार किए, जबकि मुरली कार्तिक ने 15.3 ओवरों में 44 रन देकर 4 विकेट अपने नाम किए। ऑस्ट्रेलियाई टीम 61.3 ओवरों में 203 रन पर ऑलआउट हो गई।
ऑस्ट्रेलियाई खेमा पहली पारी के आधार पर 99 रन की बढ़त हासिल कर चुका था। भारत ने दूसरी पारी में सचिन तेंदुलकर और वीवीएस लक्ष्मण के अर्धशतकों की बदौलत 205 रन बनाकर विपक्षी खेमे को जीत के लिए 107 रन का लक्ष्य दिया।
पारी की दूसरी गेंद पर जस्टिन लैंगर (0) का विकेट गंवाने के बाद ऑस्ट्रेलियाई टीम संभल नहीं सकी। मेहमान टीम महज 93 रन पर सिमट गई। भारत ने मैच 13 रन के करीबी अंतर से अपने नाम किया।
इस पारी में हरभजन सिंह ने 10.5 ओवरों में 29 रन देकर 5 विकेट हासिल किए, जबकि मुरली कार्तिक ने 12 ओवरों में 32 रन देकर 3 विकेट अपने नाम किए। मुकाबले में कुल सात विकेट लेने वाले मुरली कार्तिक को ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ चुना गया।
मुरली कार्तिक ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2004 में कुल तीन टेस्ट खेले, जिसमें 32.15 की औसत के साथ 13 विकेट हासिल किए।
जब अनिल कुंबले रिटायर हुए, तो मुरली कार्तिक को मौके दिए जा सकते थे, लेकिन अफसोस, ऐसा न हुआ। साल 2004 में अंतिम बार टेस्ट मैच खेलने वाले कार्तिक साल 2007 में आखिरी बार सीमित ओवरों के क्रिकेट में नजर आए।
मुरली कार्तिक ने भारत के लिए 8 टेस्ट मुकाबलों में 24 विकेट हासिल किए। वहीं, 37 वनडे मुकाबलों में उन्होंने 37 विकेट चटकाए। मुरली कार्तिक भारत के लिए एक टी20 मुकाबला भी खेल चुके हैं।
–आईएएनएस