पटना । बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई हैं। एनडीए और इंडिया ब्लॉक महागठबंधन के बीच कड़ा मुकाबला होने की संभावना जताई जा रही है।
चुनाव की तैयारियों के बीच, विभिन्न दलों के कार्यकर्ता अपनी-अपनी पार्टियों से टिकट मांगने के लिए सक्रिय हो गए हैं। विशेष रूप से, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के कार्यकर्ता शुक्रवार को पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर पहुंचे, जहां उन्होंने टिकट की मांग की। कार्यकर्ताओं ने शीर्ष नेतृत्व से ऐसे विधायकों को टिकट न देने की गुहार भी लगाई, जिन्होंने अपेक्षानुरूप कार्य नहीं किया है।
इसमें नालंदा जिले की इस्लामपुर विधानसभा सीट का मामला भी शामिल था। इस्लामपुर से वर्तमान विधायक राकेश कुमार रौशन हैं, जिन्हें 2020 के चुनाव में राजद के टिकट पर जीत मिली थी। कार्यकर्ताओं का दावा है कि वर्तमान विधायक ने बीते पांच साल में कोई विकास कार्य नहीं किया, इसलिए पार्टी के शीर्ष नेतृत्व इस बार टिकट न दें।
कार्यकर्ताओं का आरोप है कि राकेश कुमार रौशन ने उनके साथ संवाद नहीं रखा और न ही उनकी समस्याओं पर ध्यान दिया। यह असंतोष इसलिए भी गहरा है क्योंकि कार्यकर्ताओं का दावा है कि उन्होंने 2020 के विधानसभा चुनाव में रौशन की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
एक दूसरे कार्यकर्ता ने कहा कि वर्तमान विधायक पर भ्रष्टाचार और धन कमाने में लिप्त होने का आरोप लगाया है। कहा कि इस्लामपुर विधानसभा में कोई उल्लेखनीय विकास कार्य नहीं हुआ है, जिससे मतदाताओं और कार्यकर्ताओं में नाराजगी है।
इस्लामपुर से आए कार्यकर्ताओं ने पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर पहुंचकर रौशन का टिकट काटने की मांग की है।
उमेश यादव ने कहा कि हम पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से मांग करते हैं कि किसी को भी टिकट देने से पहले सर्वे कराना चाहिए। सर्वे के आधार पर ही टिकट देना चाहिए। क्योंकि, वर्तमान विधायक ने क्षेत्र में विकास कार्य नहीं किया।
कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि अगर वर्तमान विधायक को पार्टी दोबारा टिकट देगी तो वे राजद के लिए वोट नहीं करेंगे।
बता दें कि पूर्व सीएम के आवास पर सिर्फ इस्लामपुर विधानसभा से कार्यकर्ता ही नहीं पहुंचे थे, बल्कि दूसरी विधानसभा से भी कार्यकर्ता पहुंचे थे। इनमें ज्यादातर कार्यकर्ता वर्तमान विधायक के कामकाज से खुश नहीं थे।
–आईएएनएस