नई दिल्ली : राजधानी के पुराने किले की खुदाई में मौर्य काल से लेकर मुगल काल तक का छिपा हुआ ढाई हजार वर्षों का इतिहास मिला है ।
संस्कृति राज्यमंत्री जी कृष्ण रेड्डी ने आज यहां पत्रकारों को यह जानकारी देते हुए बताया की इंद्रप्रस्थ पुरातत्व खुदाई मिशन के तहत पुराने किले के अंदर चल रही खुदाई में हमें ऐतिहासिक एवम पुरातात्विक महत्व की काफी वस्तुएं मिली हैं जो मौर्य वंश से लेकर मुगल काल तक की हैं।
उन्होंने बताया कि 1969 में पहली बार प्रख्यात पुरातत्वविद बी बी लाल के नेतृत्व में पुराने किले की खुदाई हुई थी। उसके बाद 20 13 -14 से लेकर20 17-18 में दूसरी बार खुदाई हुई है ।इस बार इस स्थल की तीसरी बार खुदाई चल रही है ।इस वर्ष जनवरी के बाद से यह लगातार चल रही है और हमें इस खुदाई में मौर्य काल की पुरातात्विक महत्व की वस्तुओं के अलावा कुषाण काल शुंग वंश, सल्तनत काल और मुगल काल की पुरातात्विक महत्व की मूर्तियां राज मुद्राएं और सिक्के प्राप्त हुए हैं।
उन्होंने बताया कि इस खुदाई स्थल में 9 तरह के सांस्कृतिक तल मिले हैं जिससे देश की विभिन्न संस्कृतियों के इतिहास का पता चलता है ।दिलचस्प बात है किएक ही स्थल पर इतने राजवंशों के पुरातात्विक महत्व की वस्तुएं प्राप्त हुई है ।यह इस बात का सबूत है कि समय-समय पर उन राजवंशों की सभ्यता की निशानियां मौजूद है ।उन्होंने बताया कि खुदाई स्थल से 135 मुद्राएं और 35 राजमुद्रा प्राप्त हुई है ।