नयी दिल्ली : देश में रंगमंच की शीर्ष संस्था राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी)रंगमंच की नई चुनौतियों को देखते हुए अगले शैक्षणिक सत्र से अपना सिलेबस( पाठ्यक्रम )बदलने जा रहा है।
यह जानकारी एनएसडी के प्रभारी निदेशक डॉक्टर रमेशचन्द्र गौड़ ने आज यहां पत्रकारों को दी। यह संवाददाता सम्मेलन ग्रीष्कालीन नाट्य समारोह की जानकारी के लिए आयोजित किया गया था।यह समारोह 28 जून से 4 जुलाई तक चलेगा जिसमें 7 नाटक होंगे।समारोह का उद्घाटन प्रख्यात कवयित्री एवम स्वतंत्रता सेनानी सुभद्रा कुमारी चौहान पर आधारित नाटक से होगा।सुभद्रा जी आजादी की लड़ाई में जेल भी गयी थीं।
श्री गौड़ ने बताया कि पिछले एक साल से एनएसडी के पाठ्यक्रम को बदलने की कवायद चल रही थी।अब नए पाठ्यक्रम का मसौदा तैयार हो चुका है और इसे हम जल्द ही विशेषज्ञों के पास भेजेंगे और उनकी मंजूरी के बाद इसे एक जुलाई तक तैयार कर देंगे।
उन्होंने बताया कि रंगमंच के आधुनिक संदर्भों को देखते हुए हमने नया पाठ्यक्रम बनाया है।पूरे पाठ्यक्रम को तीन भागों प्राचीनकालीन रंगमंच मध्यकालीन और आधुनिकल कालीन रंगमंच मे विभाजित किया है।उन्होंने कहा कि इस नए पाठ्यक्रम मेंरंगमंच की भारतीय ता पर विशेष जोर दिया गया है।
गौरतलब है कि भरतमुनि ने नाट्यशास्त्र के जमाने से भारतीय रंगमंच समृद्ध रहा है।
श्री गौड़ ने बताया कि पाठ्यक्रम में छात्रों को स्पेशलाइज़ेशन करना होता है।नए पाठ्यक्रम में तीसरे सेमेस्टर में छात्र स्पेशलाइज़ेशन करेंगे।
एनएसडी हर सत्र में 26 छात्रों को दाखिला देता है लेकिन इस बार सितंबर से शुरू हो रहे सत्र में 29 या 30 छात्र लिए जाएंगे।
दाखिले के लिए दस जुलाई तक फॉर्म भरे जाएंगे।इसके बाद छात्रों के चयन के लिए इंटरव्यू आदि होंगे।
एनएसडी निदेशक ने यह भी बताया कि रंगमंडल के लिए 20 नियमित कलाकारों की नियुक्ति के लिए भी पद विज्ञापित कर दिए गए हैं।इसका विवरण एनएसडी की वेबसाइट पर है।
उन्होंने बताया कि एनएसडी के नए नियमित निदेशक की अब नियुक्ति होगी लेकिन उन्होंने इस बारे में कुछ बताने से इनकार किया।
ग्रीष्मकालीन नाट्य समारोह में अंधायुग, बयान , ताजमहल का टेंडर अभिज्ञान शाकुंतलम, लैला मजनू और मारी में कासे कहूँ नामक नाटक होंगे।
––इंडिया न्यूज स्ट्रीम