विश्व पुस्तक मेले को रद्द करने की मांग
नई दिल्ली । कोरोना के बढ़ते प्रकोप के कारण साहित्य अकेडमी ने आज होने वाले अनुवाद पुरस्कार समारोह को स्थगित कर दिया है। अब राजधानी में 8 जनवरी से सोलह जनवरी तक होने वाले विश्वपुस्तक मेले को स्थगित करने की मांग की जा रही है।
हिंदी प्रकाशक संघ के महासचिव महेश भारद्वाज ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान औरराष्ट्रीय पुस्तक न्यास के निदेशक को पत्र लिखकर यह मांग की है। इस बीच जनचेतना आधार प्रकाशन एवम अन्य प्रकाशनों नेसरकार को पत्र लिखकर यह मांग की है।
श्री भारद्वाज ने पत्र में लिखा है कि जब दिल्ली में ही नहीं बल्कि कई राज्यों में कोरोना के प्रोटोकॉल लागू कर दिए गए हैं। दिल्ली में येलो अलर्ट भी जारी कर दिया गया है तो विश्व पुस्तक मेले का आयोजन कैसे संभव है क्योंकि सरकार ने सार्वजनिक परिवहन में 50 प्रतिशत यात्रियों तथा शादी व्याह में केवल बीस लोगों की अनुमति दी है।
पत्र में कहा गया है कोरोना का नया वैरिएंट किशोरों और बुजुर्गों के लिए अधिक खतरनाक है जबके मेले में यही लोग अधिक आते हैं।अब कोरोना के खौफ से ये लोग कैसे आएंगे।
श्री भारद्वाज ने श्री प्रधान से अनुरोध किया है कि वर्तमान हालात को देखते हुए पुस्तक मेले के आयोजन को रद्द किया जाये।
जनचेतना के प्रबंधक सत्यम वर्मा और आधार प्रकाशन के मालिक देश निर्मोही नेभी केंद्रीय शिक्षा मंत्री को पत्र लिखकर यह मांग की है।
गौरतलब है कि शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत राष्ट्रीय पुस्तक न्यास इस मेले का आयोजन करता है। पुस्तक मेले में हर दिन हज़ारों लोगों की भीड़ उमड़ती है।कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए पुस्तक प्रेमियों के मन में भी आशंका पैदा हो गयी है।