डीयू दाखिला प्रक्रिया: ओबीसी प्रमाणपत्र पर कुलपति से तीन साल की छूट की मांग

नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय में शैक्षणिक सत्र 2021-22 के लिए दाखिला प्रक्रिया जल्द ही शुरू होने वाली है। यूजी कोर्सेज के लिए 2 अगस्त और पीजी पाठ्यक्रमों के लिए 26 जुलाई से एडमिशन हेतु पंजीकरण शुरू हो रहा है। इस बीच ओबीसी श्रेणी के विद्यार्थियों को जाति प्रमाणपत्र बनवाने में दिक्कतें आ रही हैं। ऐसे में जाति प्रमाण पत्रों को तीन साल की छूट दिए जाने की मांग विश्वविद्यालय कुलपति के समक्ष रखी गई है। कोरोना महामारी की स्थिति को देखते हुए मांग की गई है कि ऑन लाइन जांच करने के पश्चात 15 दिनों में जाति प्रमाण बनाकर छात्रों के घरों पर भेजे जाए। ऐसा होने पर छात्र समय से शिक्षण संस्थानों में एडमिशन ले सकेंगे। यदि ऐसा नहीं हो तो विश्वविद्यालय छात्र को विशेष छूट प्रदान करे।

दिल्ली विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने यह मांग दिल्ली सरकार के समक्ष भी रखी है। दिल्ली में पढ़ने वाले एससी, एसटी, ओबीसी जाति व सामान्य जाति के आर्थिक रूप से कमजोर ईडब्ल्यूएस श्रेणी के छात्रों को 12 वीं कक्षा उत्तीर्ण करने के पश्चात दिल्ली स्थित कॉलेज, शिक्षण संस्थानों या दिल्ली में स्थापित विश्वविद्यालयों में एडमिशन लेना हैं।

ओबीसी छात्रों के पास जाति प्रमाण पत्र पुराना बना होने के कारण वे कॉलेजों, दिल्ली विश्वविद्यालय में एडमिशन के लिए रजिस्ट्रेशन करा सकते। हालांकि छात्र का संबंधित कॉलेज में एडमिशन लेने के लिए नाम आ जाता है तो छात्र को एडमिशन के समय ( करंट ईयर ) छात्रों से 31 मार्च 2021 के बाद का बना हुआ ओबीसी का जाति प्रमाण पत्र देना होगा।

इसी तरह के नियम ईडब्ल्यूएस के माध्यम से आरक्षण लेने वाले छात्रों के साथ भी अपनाए जाते है। वहीं एससी, एसटी के छात्रों का जाति प्रमाण पत्र एक ही बार बनता है।

दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन(डीटीए) ने डीयू कुलपति प्रोफेसर पीसी जोशी व डीन ऑफ कॉलिजेज डॉ बलिराम पाणी से ओबीसी विद्यार्थियों के जाति प्रमाणपत्रों को तीन साल की छूट दिए जाने की मांग की है।

डीटीए अध्यक्ष डॉ हंसराज सुमन ने बताया कि बीते डेढ़ साल से एसडीएम कार्यालय व तहसील कार्यालय में कोविड-19 के कारण विद्यार्थियों के जाति प्रमाणपत्र नहीं बन पा रहे हैं। जाति प्रमाणपत्रों का नवीनीकरण भी नहीं हो पा रहा है। ऐसे में जिनके पास पुराना जाति प्रमाण पत्र है उसे स्वीकार कर दाखिला दिया जाए। ओबीसी कोटे के जिन विद्यार्थियों ने वर्ष 2019 में अपने जाति प्रमाण पत्र बनवाए थे उन्हें स्वीकार करते हुए दाखिला दिया जाए।

दाखिले के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही कॉलेजों में एडमिशन लेने की पहली लिस्ट जारी की जाएगी। पहली लिस्ट के छात्रों को एडमिशन लेने के लिए तीन दिन का समय दिया जाता है। ऐसी स्थिति में जिन ओबीसी कोटे के विद्यार्थियों के पास पुराने जाति प्रमाण पत्र है उन्हें स्वीकार करते हुए एडमिशन दिए जाने की मांग विश्वविद्यालय के समक्ष है। शिक्षकों का कहना है कि ऐसे विद्यार्थियों से कॉलेज-संस्थान अंडरटेकिंग फॉर्म भरवा सकते हैं।

–आईएएनएस

8 देशों के 44 प्रतिनिधिमंडल एनएसडी के दौरे पर रंगमंडल की हीरक जयंती पर पहली बार’ रंग रथ यात्रा “.दो साल तक चलेगी देश में

नई दिल्ली । राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय( एनएसडी ) 14अगस्त से दक्षिण एशिया एवम प्रशान्त क्षेत्र के आठ देशों का नाट्य महोत्सव आयोजित कर रहा है जिसमे 44 प्रतिनिधिमंडल भाग लेंगे।...

गुजगुजरात में जमीन आवंटन मामले में अदाणी पोर्ट्स को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहतरात में जमीन आवंटन मामले में अदाणी पोर्ट्स को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत

नई दिल्ली । अदाणी समूह को बड़ी राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को गुजरात हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी जिसमें राज्य सरकार से अदाणी पोर्ट्स...

प्रख्यात अंग्रेजी लेखक रस्किन बॉन्ड को साहित्य अकादेमी की महत्तर सदस्यता

नई दिल्ली । साहित्य अकादेमी का सर्वोच्च सम्मान "महत्तर सदस्यता "आज अंग्रेजी के प्रख्यात लेखक और विद्वान रस्किन बॉन्ड को प्रदान की गई।उनकी अस्वस्थताके कारण यह सम्मान उनके मसूरी स्थित...

विश्व रेडियो दिवस:बेहद रोमांचक है वायरलेस दुनिया

बीजिंग । 3 नवंबर, 2011 को यूनेस्को ने हर साल 13 फरवरी को "विश्व रेडियो दिवस" ​​के रूप में नामित करने का निर्णय लिया। 13 फरवरी 1946 को संयुक्त राष्ट्र...

पटना में गंगा नदी के तट पर लगेगी राजेंद्र प्रसाद की 243 मीटर ऊंची प्रतिमा

पटना । बिहार की राजधानी पटना में गंगा तट पर देश के प्रथम राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद की 243 मीटर ऊंची प्रतिमा लगेगी। यह प्रतिमा गुजरात में नर्मदा के किनारे बने...

भारतीय कला विरासत की अनोखी झांकी लाल किले में

नई दिल्ली । विश्व के प्रसिद्ध "आर्ट बिनाले" की तर्ज़ पर अब देश में पहला "बिनाले "8 दिसम्बर से राजधानी के ऐतिहासिक लाल किले में होगा।31 मार्च तक चलने वाले...

तेजी बच्चन ने लेडी मैकेबेथ की भूमिका निभाई थी

नई दिल्ली। प्रख्यात स्वतंत्रता सेनानी एवम भारत छोड़ो आंदोलन में जेल जानेवाले प्रसिद्ध रंगकर्मी एवम लेखक वीरेन्द्र नारायण द्वारा निर्देशित नाटकों में तेजी बच्चन ने ही नहीं बल्कि देवानंद की...

खेलों के माध्यम से भी पूरे प्रदेश में मनाया गया आजादी का जश्न

लखनऊ : प्रदेश में आजादी के जश्न का समारोह ध्वजारोहण के साथ-साथ विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों की विस्तृत श्रृंखला के माध्यम से संपन्न हुआ। इस अवसर पर प्रदेश के खेल विभाग...

समाज में तनाव पैदा करने वाले दृश्य हटाना सेंसर बोर्ड की ज़िम्मेदारी: अनिल दुबे 

अगर फ़िल्म में ऐसे दृश्य या कहानी है जो समाज में तनाव को जन्म देता हो, तो फ़िल्म सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन, (सेंसर बोर्ड) को उसे तुरंत हटा देना...

अमृत महोत्सव में हुए दो लाख कार्यक्रम
अब समापन 30 अगस्त को कर्तव्य पथ पर होगा।

नई दिल्ली 4 अगस्त । आज़ादी के अमृत महोत्सव में दोलाख कार्यक्रम होने ने के बाद इसका समापन समारोह 30 अगस्त को होगाजिसमें देश भर की मिट्टी को दिल्ली लाया...

राष्ट्रपति ने किया एशिया के सबसे बड़े अंतरराष्ट्रीय साहित्य उत्सव “उन्मेष “का शुभारंभ

साहित्यकार का सत्य इतिहासकारों के तथ्य से ज़्यादा विश्वसनीय है - श्रीमती द्रौपदी मुर्मु नई दिल्ली 4अगस्त । राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कल भोपाल में एशिया के सबसे बड़े अंतरराष्ट्रीय...

श्रीलंका गृह युद्ध पर उपन्यास के लिए ऑस्ट्रेलियाई-तमिल को शीर्ष साहित्यिक पुरस्कार

मेलबर्न : ऑस्ट्रेलियाई-तमिल वकील शंकरी चंद्रन ने अपने उपन्यास 'चाय टाइम एट सिनामन गार्डन्स' के लिए 60,000 डॉलर का प्रतिष्ठित माइल्स फ्रैंकलिन साहित्य पुरस्कार जीता है। पुरस्कार की घोषणा मंगलवार...

editors

Read Previous

डीडीए ने किफायती किराये के आवास परिसरों को अंतिम मंजूरी दी

Read Next

‘हाथियों को कैद से मुक्त करें, वे आनंद की सवारी के लिए नहीं हैं’

WP2Social Auto Publish Powered By : XYZScripts.com