मुंबई । शिवसेना नेता संजय निरुपम ने मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै बेंच के जस्टिस स्वामीनाथन के खिलाफ विपक्ष के महाभियोग नोटिस की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि विपक्ष हिंदुत्व और मंदिर विरोधी है।
आईएएनएस से बातचीत करते हुए शिवसेना नेता संजय निरुपम ने कहा, “अगर कोई जज हमारे देश में मंदिरों का समर्थन करता है, इसलिए उन्हें अपराधी बना दिया जाता है। उनके खिलाफ महाभियोग लाने की तैयारी विपक्ष नेता कर रहे हैं, जो बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।”
उन्होंने आरोप लगाए कि विपक्ष के राजनीतिक दल हिंदुत्व और मंदिर विरोधी हैं, जबकि मस्जिदों के समर्थक हैं। लेकिन लोग धीरे-धीरे इनकी असलियत को पहचानने लगे। यही वजह है कि ये (विपक्ष) धीरे-धीरे सिमटते चले जा रहे हैं। अब अगर यही हाल मद्रास हाईकोर्ट के जज के खिलाफ विपक्ष के नेताओं ने किया, तो तमिलनाडु में जहां पर ‘इंडिया’ गठबंधन की सरकार है, ये सरकार भी चली जाएगी।
संजय निरुपम ने यह भी सवाल उठाया कि जब सरकारी और गैर-सरकारी संस्थानों में ‘वंदे मातरम’ गीत गाया जाता है, तो फिर मदरसों में क्यों नहीं? उन्होंने कहा कि ‘वंदे मातरम’ हमारा राष्ट्रगीत है और इस राष्ट्रगीत को लेकर कुछ मजहब के लोग विरोध करते रहते हैं, जो दुर्भाग्यपूर्ण है।
शिवसेना नेता ने कहा, “मुझे सबसे ज्यादा खुशी है कि राष्ट्रगीत ‘वंदे मातरम’ के 150वीं वर्षगांठ के मौके पर संसद के दोनों सदनों में चर्चा हुई। जब राष्ट्रीय स्तर पर किसी विषय की चर्चा होती है, तो उसकी जानकारी पूरे देश में फैलती है। हमारे देश की नई पीढ़ी है, जिसको हम ‘जेन जी’ कहते हैं, उसको पता भी नहीं कि ‘वंदे मातरम’ क्या है? कम से कम इस सरकार के प्रयासों की वजह से ‘वंदे मातरम’ के बारे में आज की पूरी नई पीढ़ी को एक जानकारी मिली। यह दूसरी बात है कि कांग्रेस वालों को इसमें पॉलिटिक्स दिख रही है।”
उन्होंने कहा, “कांग्रेस कहती है कि पश्चिम बंगाल में चुनाव है, इसलिए ‘वंदे मातरम’ पर सरकार चर्चा करा रही है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है क्योंकि ‘वंदे मातरम’ गीत को इसी साल 150 साल पूरे हुए हैं। इसलिए सेलिब्रेट किया जा रहा है। अगर कांग्रेस इसमें राजनीति देख रही है तो यह ध्यान रखें कि ‘वंदे मातरम’ गीत चुनावों से बहुत ऊपर है। यह भारत की स्वतंत्रता की लड़ाई का मूलमंत्र था।”
–आईएएनएस











