नई दिल्ली । जनता दल यूनाइटेड (जदयू) सांसद संजय झा ने मंगलवार को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्राथमिकता की सूची में बिहार हमेशा से ही शीर्ष पर रहा है। प्रधानमंत्री ने हमेशा से ही बिहार को विशेष वरीयता दी है और कभी प्रदेश के हितों के साथ कोई समझौता नहीं किया।
उन्होंने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में बताया कि प्रधानमंत्री मोदी हमेशा से ही बिहार के दौरे पर जाते रहे। इन दौरों को सिर्फ बिहार चुनाव के परिप्रेक्ष्य से जोड़ना उचित नहीं रहेगा, बल्कि गैर चुनावी मौसम में भी प्रधानमंत्री का बिहार से विशेष जुड़ाव रहा। केंद्र सरकार की तरफ से बिहार की जनता को लाभान्वित करने के ध्येय से कई प्रकार की कल्याणकारी योजनाओं की शुरुआत की गई।
इस योजनाओं का मकसद सिर्फ बिहार की जनता को सशक्त करना था। आज इसी का नतीजा है कि भारी बहुमत के साथ बिहार में एनडीए की सरकार बनी है, क्योंकि वहां के लोग इस बात को भलीभांति जानते हैं कि अगर कोई बिहार में विकास की गति दे सकता है, तो वो कोई और नहीं, सिर्फ एनडीए की सरकार है।
जदयू सांसद ने दावा किया कि बिहार में मतदाता सूची की प्रक्रिया सुचारू रूप से संपन्न हो गई। इस दौरान किसी ने भी शिकायत नहीं की कि उनका नाम वोटर लिस्ट में शामिल नहीं है। अगर की होती, तो हम उस पर जरूर संज्ञान लेते। एसआईआर प्रक्रिया के तहत विशेष रूप से फर्जी मतदाताओं को चिन्हित कर उन्हें मतदान के अधिकार से वंचित किया गया। उन्होंने सवाल किया कि एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में फर्जी मतदाताओं को कैसे मतदान का अधिकार दिया जा सकता है। हम भला एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में इस तरह की स्थिति को कैसे स्वीकार सकते हैं।
जदयू सांसद संजय झा ने कहा कि एसआईआर को लेकर कांग्रेस का विरोध पूरी तरह से निरर्थक है। लोग कांग्रेस की मंशा से वाकिफ हो चुके हैं। हम सभी लोगों को एक बात का ध्यान रखना होगा कि इसी कांग्रेस ने बिहार में मतदाता सूची के विरोध में वोट अधिकार यात्रा का भी आगाज किया था, लेकिन, मेरा सीधा-सा सवाल है कि आखिर इससे क्या हुआ? जवाब स्पष्ट है कि कुछ भी नहीं।
सांसद संजय झा ने कहा कि आज की तारीख में बिहार में कांग्रेस की स्थिति कैसी हो चुकी है। यह बात किसी से छुपी नहीं है। आप बिहार में कांग्रेस की दुर्गति का अंदाजा महज इसी से लगा सकते हैं कि उसे प्रदेश के विधानसभा चुनाव में सिर्फ छह सीटों पर ही जीत मिली है। इससे यह साफ जाहिर होता है कि प्रदेश में कांग्रेस की विश्वसनीयता पूरी तरह से खत्म हो चुकी है। प्रदेश की जनता कांग्रेस को अब स्वीकार करने के मूड में नहीं है।
–आईएएनएस











