पटना । भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव ऋतुराज सिन्हा ने पश्चिम बंगाल में चल रहे एसआईआर को लेकर कहा कि पश्चिम बंगाल की जनता और खुद सीएम ममता बनर्जी इस बात को अच्छी तरह जानती हैं कि किसी भी लोकतंत्र की नींव एक साफ-सुथरी मतदाता सूची होती है। अगर सीएम ममता बनर्जी अपनी सरकार को बचाने के लिए वोटर लिस्ट से छेड़छाड़ चाहती हैं, तो यह देश बर्दाश्त नहीं करेगा।
ऋतुराज सिन्हा ने कहा कि मतदाता सूची में घुसपैठियों का नाम नहीं होना चाहिए और किसी वैध भारतीय नागरिक का नाम राजनीतिक दबाव में हटाया भी नहीं जाना चाहिए, इसलिए चुनाव आयोग पहले ही साफ बोल चुका है कि एसआईआर जरूर होगा। उन्होंने कहा कि वोट देने का अधिकार सिर्फ भारतीय नागरिक को है और चूंकि बंगाल भी भारत का हिस्सा है, इसलिए वहां भी एसआईआर हर हाल में होगा।
उन्होंने दावा किया कि एसआईआर के बाद जनता खुद तय करेगी कि सीएम ममता बनर्जी की जरूरत अब बंगाल को है या फिर प्रदेश को बदलाव की ओर बढ़ना चाहिए। उनका कहना है कि अब बंगाल के लोग यह निर्णय करेंगे कि वे किस तरह की राजनीति आगे देखना चाहते हैं।
इसके बाद उन्होंने रोहिणी आचार्य के पोस्ट पर प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने मांग की थी कि ऐसा कानून बनाया जाए जिससे बेटियों को भी अपने पिता के घर में सुरक्षा और बराबरी का अधिकार मिले। इस पर ऋतुराज सिन्हा ने कहा कि आज के समाज में बेटा-बेटी का भेदभाव किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि उनकी भी बहनें और बेटियां हैं और वे चाहते हैं कि परिवार की संपत्ति और अधिकारों में उनकी बेटी और बहन को पूरा हिस्सा मिले।
उन्होंने कहा कि आज के समय में जेंडर आधारित भेदभाव की कोई जगह नहीं है। बेटियों को वही सम्मान, वही अवसर और वही कानूनी अधिकार मिलने चाहिए जो बेटों को मिलते हैं। उन्होंने रोहिणी आचार्य की सराहना करते हुए कहा कि वे एक ऐसी बेटी हैं जिन्होंने अपने पिता की जान बचाने के लिए अपनी किडनी तक दे दी। उनके अनुसार, ऐसी बेटियों पर सिर्फ बिहार ही नहीं, पूरे देश को गर्व होना चाहिए।
असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा के बयान पर सिन्हा ने सीधे तौर पर टिप्पणी करने से परहेज किया, लेकिन उन्होंने कहा कि भारत को आगे बढ़ाने के लिए जाति और धर्म से ऊपर उठकर विकास आधारित राजनीति करनी होगी।
उन्होंने कहा कि जब तक हम वोट डालते समय जात-पात और धर्म के चश्मे को उतारकर सिर्फ काम को आधार नहीं बनाएंगे, तब तक संविधान निर्माताओं डॉ. भीमराव अंबेडकर और राजेंद्र प्रसाद की कल्पना पूरी तरह से जमीन पर उतर नहीं पाएगी। उन्होंने कहा कि हर धर्म और हर जाति के लोगों को सोचना चाहिए कि वोट मंडल-कमंडल देखकर डालें या विकास देखकर।
इसके बाद उन्होंने तेजस्वी यादव और जेडीयू नेताओं के उस आरोप पर बात की, जिसमें कहा गया था कि एनडीए में सब ठीक नहीं है और भाजपा-जेडीयू के बीच तनाव है। ऋतुराज सिन्हा ने इसे खारिज करते हुए कहा कि एनडीए में सब कुछ ठीक है और कोई अनबन नहीं है।
उन्होंने इसके उलट दावा किया कि इंडिया अलायंस कितने दिन और टिकेगा, यह बड़ा सवाल है। उनका कहना है कि टीएमसी हो, डीएमके हो, कश्मीर के अब्दुल्ला परिवार हो या दक्षिण की अन्य पार्टियां, किसी को भी राहुल गांधी का नेतृत्व मंजूर नहीं है। ये सभी नेता कांग्रेस को स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव को एनडीए की चिंता करने के बजाय अपने गठबंधन की स्थिरता को लेकर ज्यादा चिंतित होना चाहिए।
जब उनसे पूछा गया कि तेजस्वी यादव के 18 विधायक पाला बदलने को तैयार बताए जा रहे हैं और जेडीयू के नेता कह रहे हैं कि उनसे बार-बार संपर्क किया जा रहा है, तो ऋतुराज सिन्हा ने कहा कि यह सब अफवाहें हैं। उन्होंने कहा कि बिहार में सरकार प्रचंड बहुमत से चल रही है और भाजपा की किसी भी पार्टी के विधायकों को तोड़ने की कोई योजना नहीं है, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि राजनीति में न दरवाजा बंद होता है और न खिड़की, अगर कोई खुद आना चाहे तो उसका स्वागत ही होगा।
सिन्हा ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार के शपथ लेने के बाद सिर्फ तीन हफ्तों में सरकार ने तेज गति से फैसले लिए हैं, चाहे बात एक करोड़ रोजगार सृजन की हो, सरकारी तंत्र को सक्रिय करने की हो या कानून-व्यवस्था पर कार्रवाई की। उनका कहना है कि जिस तरह से प्रशासन ने तुरंत एक्शन लिया है, उससे साफ है कि मुख्यमंत्री पूरी तरह सक्रिय और निर्णय लेने की स्थिति में हैं। उन्होंने कहा कि जो लोग यह दावा कर रहे हैं कि नीतीश सक्रिय नहीं हैं, उन्हें अपनी जांच करा लेनी चाहिए।
–आईएएनएस











