पटना । बिहार में पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को सरकारी आवास 10 सर्कुलर रोड से बेदखल किए जाने को लेकर राजनीतिक विवाद बढ़ता जा रहा है।
जदयू, भाजपा और एनडीए के अन्य सहयोगी दल इस मुद्दे पर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और लालू प्रसाद परिवार को निशाना बना रहे हैं। वहीं राजद ने सत्ताधारी दल के नेताओं द्वारा सरकारी बंगलों के कथित दुरुपयोग पर गंभीर सवाल उठाया है।
बिहार सरकार के भवन निर्माण विभाग ने औपचारिक रूप से आदेश जारी कर राबड़ी देवी को सरकारी बंगला खाली करने का निर्देश दिया है।
उन्हें इसके बदले में एक वैकल्पिक सरकारी आवास आवंटित किया गया है।
इसके बाद, एनडीए नेताओं ने राजद पर सरकारी संपत्ति पर लंबे समय से कब्जा करने के आरोप लगाए हैं।
वहीं, राजद ने जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद संजय झा और जदयू सांसद देवेश चंद्र ठाकुर पर नई दिल्ली में सरकारी आवास आवंटित होने के बावजूद बिहार में सरकारी बंगलों पर अवैध रूप से कब्जा करने का आरोप लगाया है।
राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता नवल किशोर यादव ने भवन निर्माण विभाग को पत्र लिखकर उन नियमों के बारे में स्पष्टीकरण मांगा है जिनके तहत ये दोनों सांसद बिहार के सरकारी आवासों पर कब्जा बनाए हुए हैं।
पत्र में कहा गया कि संजय झा और देवेश चंद्र ठाकुर को मंत्री या अध्यक्ष के रूप में उनके पदों के कारण पहले बिहार केंद्रीय पूल से बंगले आवंटित किए गए थे।
हालांकि, दिल्ली में सरकारी आवास मिलने के बावजूद, वे कथित तौर पर बिहार स्थित आवासों पर कब्जा जमाए हुए हैं।
पत्र में सवाल उठाया गया है कि विभाग ने इन बंगलों की मौजूदा स्थिति स्पष्ट क्यों नहीं की है और किन नियमों के तहत सांसदों को इन्हें अपने पास रखने की अनुमति है।
पत्र में यह भी पूछा गया है कि क्या वे सरकारी नियमों के अनुसार निर्धारित किराए का दस गुना भुगतान कर रहे हैं या राजनीतिक प्रभाव का इस्तेमाल करके इन संपत्तियों पर कब्जा जमाए हुए हैं।
राजद प्रवक्ता ने तीखे सवाल उठाते हुए पूछा कि दोनों सांसद इन बंगलों से इतने लगाव क्यों रखते हैं और यहां तक कि यह भी सवाल उठाया कि क्या परिसर के अंदर कोई गुप्त कक्ष है, जिसे वे सुरक्षित रखने या इस्तेमाल करने की कोशिश कर रहे हैं।
पत्र में केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी के बारे में भी चिंता जताई गई है और सवाल किया गया है कि वे पटना सेंट्रल पूल के बंगले में किस हैसियत से रह रहे हैं।
राजद ने भवन निर्माण विभाग से संपूर्ण तथ्यात्मक स्थिति स्पष्ट करने, बंगलों को खाली कराने की तिथि बताने और विस्तारित उपयोग के लिए किराएदारों से वसूले गए अतिरिक्त किराए का खुलासा करने की मांग की है।
पार्टी ने विभाग से मामले को गंभीरता से लेने और पारदर्शी तरीके से जवाब देने का आग्रह किया है।
–आईएएनएस











