28 जून, 2021
लखनऊ : अयोध्या के कायाकल्प के साथ ही वहां रोजगार की भी भरमार होगी। सरकारी दावे के अनुसार आने वाले समय में अयोध्या में प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से 12 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। इसमें से चार लाख लोगों को सीधे रोजगार मिलेगा।
जिन क्षेत्रों में रोजगार मिलेगा, उनमें धार्मिक,सांस्कृतिक,वेलनेश और व्यसायिक टूरिज्म के अलावा ट्रांसपोर्ट और लॉजिस्टिक, सूक्ष्म एवं लघु उद्योग,रिटेल एवं ट्रेड आदि प्रमुख हैं। इसमें से कुछ क्षेत्र तो बिल्कुल नए होंगे।
‘विजन डॉक्यूमेंट’ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सहमति सामने आने के बाद अब योजनाओं को जमीन पर उतारने की दिशा में कार्य और गति पकड़ेगा। ‘विजन डॉक्यूमेंट’ से स्पष्ट होता है कि राज्य के मुख्यमंत्री रामनगरी का विकास प्रधानमंत्री की मंशा के अनुरूप चाहते हैं। राज्य सरकार की इच्छा रामनगरी को धार्मिक पर्यटन का केंद्र बनाने की है। ²ष्टिकोण प्रपत्र में इसे शामिल कर प्रधानमंत्री के समक्ष प्रस्तुत किया गया। रामनगरी को इस प्रकार विकसित करना है कि यहां आने वाला पर्यटक रामनगरी से गोरखपुर, प्रयागराज, वाराणसी व लखनऊ के धार्मिक स्थलों तक सुविधाजनक रूप से पहुंच सके। इसे लेकर इन शहरों से परिवहन सेवा को और मजबूत किया जाएगा।
मालूम हो कि भारत में धार्मिक पर्यटन को परंपरा से जोड़कर देखा जाता है। पर्यटकों की कुल संख्या में से सर्वाधिक धार्मिक पर्यटकों की ही होती है। उत्तर प्रदेश वास्तव में जिन वजहों से अपार संभावनाओं वाला प्रदेश माना जाता है, उन संभावनाओं में पर्यटन भी एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है। यही वजह सरकार धार्मिक स्थलों के सुंदरीकरण के जरिए लोगों के आस्था के सम्मान के साथ पर्यटन को रोजगार का बड़ा माध्यम बना रही है।
स्वदेश दर्शन योजना के तहत राम सर्किट, कृष्ण सर्किट, बौद्ध सर्किट, आध्यात्मिक सर्किट,हेरिटेज सर्किट,बुंदेलखंड सर्किट, सूफी,जैन, बौद्ध, शक्तिपीठ से जुड़े क्षेत्रों के विकास का भी यही मकसद है कि इन जगहों पर अधिक से अधिक लोग आएं। अयोध्या में भव्य दीपोत्सव, काशी की देव दीपावली, बरसाने की होली मथुरा का कृष्ण जन्मोत्सव, चित्रकूट के रामायण मेले को लोकप्रिय बनाने के पीछे भी यही मकसद है। इन जगहों और आयोजनों में जब लोग आएंगे तो अपनी क्षमता के अनुसार रहने, खाने,परिवहन और अन्य चीजों की खरीददारी पर खर्च करेंगे। पर्यटकों की संख्या के अनुसार ही इन सभी क्षेत्रों में रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे। धार्मिक पर्यटन के साथ ही यहां इको टूरिज्म पर भी इसी उद्देश्य से सरकार का खासा जोर है।
पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ट्रांसपोर्ट और कनेक्टिविटी पर खासा फोकस कर रही है। अयोध्या और कुशीनगर में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, चित्रकूट में हिल टॉप एयरपोर्ट के साथ आजमगढ़, सोनभद्र, ललितपुर, श्रावस्ती आदि स्थानों पर भी एयरपोर्ट बन रहे हैं।
अयोध्या के नगर आयुक्त विशाल सिंह ने बताया, ” अयोध्या को तेजी से विकसित करने की दिषा में काम हो रहा है। विजन डाक्यूमेंट के अनुसार 4 लाख लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा और 8 लाख लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा। कुल मिलाकर 12 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। जैसे ही कोविड खत्म होगा, लोगों का अवागमन बढ़ेगा। पर्यटकों की संख्या बढ़ने से अयोध्या में रोजगार के मौके भी बढ़ेंगे। ” – आईएएनएस