दुनिया में सिर्फ 25 बड़े शहरों से होता है 52 फीसदी ग्रीनहाउस गैस का उत्सर्जन

नई दिल्ली: 52 फीसदी ग्रीनहाउस गैस (जीएचजी) के उत्सर्जन के लिए दुनिया के शीर्ष 25 शहर जिम्मेदार हैं। यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका के शहरों में विकासशील देशों के शहरों की तुलना में प्रति व्यक्ति उत्सर्जन काफी अधिक है। 167 शहरों को शामिल करने के साथ विश्व स्तर पर किए गए एक नए शोध में इसका खुलासा हुआ है।

पृथ्वी की सतह के सिर्फ 2 प्रतिशत हिस्से पर फैले इन शहरों का जलवायु संकट में काफी बड़ा योगदान है। बता दें कि वर्तमान शहरी जीएचजी शमन लक्ष्य इस सदी के अंत तक वैश्विक जलवायु परिवर्तन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए पर्याप्त नहीं हैं।

चीन के सन यात-सेन विश्वविद्यालय के शाओकिंग चेन ने फ्रंटियर्स इन सस्टेनेबल सिटीज जर्नल में प्रकाशित एक पेपर में कहा, “वर्तमान समय में वैश्विक आबादी का 50 प्रतिशत से अधिक हिस्सा शहरों में रहता है। शहरों को 70 प्रतिशत से अधिक जीएचजी के उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार बताया जाता है और वैश्विक अर्थव्यवस्था के डीकाबोर्नाइजेशन में इनकी आपस में एक बड़ी जिम्मेदारी है।”

वह आगे कहते हैं, “शहरों द्वारा उपयोग में लाए जाने वाली मौजूदा इन्वेंट्री विधियां विश्व स्तर पर भिन्न होती हैं, जिससे समय और स्थान के साथ उत्सर्जन शमन की प्रगति का आकलन और तुलना करना मुश्किल हो जाता है।”

निष्कर्षो से पता चला कि स्थिर ऊर्जा और परिवहन उत्सर्जन के दो मुख्य स्रोत थे।

अध्ययन में कहा गया, 42 शहरों के पास समय-श्रृंखला का पता लगाने योग्य डेटा था। इनमें से 30 में अध्ययन के दौरान वार्षिक जीएचजी उत्सर्जन में कमी देखी गई। हालांकि कई शहरों में उत्सर्जन में वृद्धि भी देखी गई।

उत्तर और दक्षिण अमेरिका, यूरोप, एशिया, अफ्रीका और ओशिनिया में से 53 शहरों का चुनाव आकार और क्षेत्रीय वितरण में प्रतिनिधित्व के आधार पर चुना गया था।

परिणामों से पता चला कि विकसित और विकासशील दोनों देशों में कई ऐसे शहर हैं, जिनसे भारी मात्रा में जीएचजी का उत्सर्जन होता है, लेकिन एशिया में मेगासिटी (जैसे चीन में शंघाई और जापान में टोक्यो) विशेष रूप से इसके लिए जिम्मेदार हैं।

–आईएएनएस

सुंदरबन में सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाएगा बांग्लादेश

ढाका : दुनिया के सबसे बड़े मैंग्रोव वनों में से एक सुंदरबन में बांग्लादेश सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाएगा। समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, पर्यावरण, वन और...

यूपी के वन्यजीव अभयारण्य में दुर्लभ अल्बिनो फॉन देखा गया

बहराइच (उत्तर प्रदेश) : भारत-नेपाल सीमा पर उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में कर्तनियाघाट वन्यजीव अभयारण्य (केडब्ल्यूएस) में एक दुर्लभ अल्बिनो फॉन देखा गया है। प्रभागीय वन अधिकारी (डीएफओ), केडब्ल्यूएस,...

पॉलीथिन के कारण येदियुरप्पा के हेलिकॉप्टर के लैंडिंग में हुई दिक्कत

कलबुरगी (कर्नाटक) : प्लास्टिक की उड़ती थैलियों के कारण सोमवार को कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा के हेलीकॉप्टर की कलबुरगी जिले के जेवरगी शहर के बाहरी इलाके में लैंडिंग...

फरवरी 122 साल में सबसे गर्म रही, गर्मी और तपिश लाएगी : आईएमडी

नई दिल्ली : भारत मौसम विज्ञान विभाग ने मंगलवार को कहा कि फरवरी 1901 के बाद से पिछले 122 वर्षो में सबसे गर्म रहा है, जहां औसत अधिकतम तापमान सामान्य...

घने कोहरे की चादर में लिपटी दिल्ली, एक्यूआई अभी भी ‘खराब’ श्रेणी में

नई दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी में बुधवार को घना कोहरा छाया रहा और वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) लगातार दूसरे दिन भी 'खराब' श्रेणी में बना रहा। भारत मौसम विज्ञान विभाग...

दिल्ली का एक्यूआई अब भी ‘बेहद खराब’ श्रेणी में

नई दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी की वायु गुणवत्ता सोमवार को लगातार तीसरे दिन बेहद खराब श्रेणी में रही। सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (सफर) के अनुसार,...

दक्षिण अफ्रीका ने 12 चीतों को भारत में स्थानांतरित किया

नई दिल्ली : दक्षिण अफ्रीका ने शुक्रवार को एक सहयोग समझौते के तहत भारत में 12 चीतों को स्थानांतरित किया। एक अधिकारी ने कहा, जानवरों को भारत में चीता मेटा-आबादी...

साल के अंत तक यमुना का पानी होगा स्वच्छ व निर्मल: दिल्ली जल बोर्ड

नई दिल्ली : बहुत जल्द यमुना का पानी स्वच्छ और निर्मल नजर आएगा। इस बात की जानकारी दिल्ली जल बोर्ड ने ट्विट कर साझा की है। डीजेबी ने अपने ट्वीट...

बरेली में वन्यजीव विश्वविद्यालय की होगी स्थापना

बरेली (उप्र) : बरेली में वन, जलवायु परिवर्तन और वन्यजीवन के लिए एक विश्वविद्यालय की स्थापना की जाएगी। इसके लिए जिले के मांझा गांव में 135 हेक्टेयर भूमि चिन्हित कर...

दिल्ली में जनरेटर का इस्तेमाल करना सख्त नियमों के दायरे में आया, जानिए नए दिशा निर्देश

2023-02-12 नई दिल्ली: बढ़ते प्रदूषण की रोकथाम के लिए दिल्ली में केंद्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने नए दिशा निर्देश जारी करते हुए जनरेटर इस्तेमाल पर सख्त शर्ते लगा दी...

नए शोध से हिमनदी बाढ़ के वैश्विक खतरों का चला पता

वेलिंगटन : बढ़ते तापमान के कारण ग्लेशियर सिकुड़ रहे हैं, पिघला हुआ पानी पास में झीलों के रूप में इकट्ठा हो सकता है, जिससे ऊंचे पहाड़ों में रहने वाले लगभग...

‘हिमालय को इको सेंसिटिव जोन घोषित करें’

नई दिल्ली : आरएसएस से जुड़े स्वदेशी जागरण मंच ने संबंधित नागरिकों और विशेषज्ञों के साथ शनिवार को 'इमीनेट हिमालयन क्राइसिस' पर एक गोलमेज सम्मेलन का आयोजन किया और हिमालय...

admin

Read Previous

खान को भारत का जवाब : पाकिस्तान ‘आतंकवादियों का समर्थक, अल्पसंख्यकों का दमन करने वाला’

Read Next

मनोज बाजपेयी ने अपने दोस्त दिवंगत अभिनेता अनुपम श्याम को किया याद

Leave a Reply

Your email address will not be published.

WP2Social Auto Publish Powered By : XYZScripts.com