नई दिल्ली : उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजनाओं द्वारा संचालित, पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि की तुलना में भारत से स्मार्टफोन का निर्यात दोगुना हो गया है।
आईसीईए के आंकड़ों के अनुसार, भारत वर्तमान में शीर्ष पांच वैश्विक गंतव्य यूएई, यूएस, नीदरलैंड, यूके और इटली को मोबाइल फोन निर्यात करता है।
आईसीईए के अध्यक्ष पंकज महेंद्रू ने इससे पहले आईएएनएस को बताया था, “मोबाइल फोन उद्योग 40 अरब डॉलर के विनिर्माण उत्पादन को पार कर जाएगा और 10 अरब डॉलर पर 25 प्रतिशत निर्यात एक शानदार प्रदर्शन है।”
भारत में बिकने वाले 97 प्रतिशत से अधिक स्मार्टफोन अब स्थानीय स्तर पर उत्पादित किए जा रहे हैं।
भारत अब दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल फोन निर्माता है।
इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर के अनुसार, वर्ष 2023 एक मील का पत्थर होगा क्योंकि देश इस साल मोबाइल फोन निर्यात में 1 लाख करोड़ रुपये को पार कर जाएगा।
चीन के बराबर भारत में 2027 तक एप्पल के 45-50 प्रतिशत आईफोन का उत्पादन करने की संभावना है, जहां 2022 में 80-85 प्रतिशत आईफोन का उत्पादन किया गया था।
अनुमानों के अनुसार, भारत और वियतनाम चीन से स्मार्टफोन आपूर्ति श्रृंखला प्रवासन के सबसे बड़े लाभार्थी बनने वाले हैं।
भारत ने 2022 के अंत में आईफोन की कुल उत्पादन क्षमता का 10-15 प्रतिशत हिस्सा लिया था।
दिसंबर के महीने में 1 बिलियन मूल्य के ्रढँल्ली निर्यात करने वाली अस्रस्र’ी भारत की पहली स्मार्टफोन कंपनी बन गई। यह वर्तमान में देश में आईफोन 12, 13, 14 और 14 प्लस बनाती है।
देश अब एक अलग दिशा में बढ़ रहा है, जो काफी हद तक निर्यात-केंद्रित है और सरकार की प्रदर्शन से जुड़ी योजना (पीएलआई) पूषा के नेतृत्व में है।दिसंबर के महीने में 1 बिलियन मूल्य के ्रढँल्ली निर्यात करने वाली अस्रस्र’ी भारत की पहली स्मार्टफोन कंपनी बन गई। यह वर्तमान में देश में आईफोन 12, 13, 14 और 14 प्लस बनाती है।
देश अब एक अलग दिशा में बढ़ रहा है, ‘जो काफी हद तक निर्यात-केंद्रित है और सरकार की प्रदर्शन से जुड़ी योजना (पीएलआई) पूषा के नेतृत्व में है।
–आईएएनएस