नई दिल्ली। विश्व प्रसिद्ध संस्कृत विद्वान एवं लेखक सत्यव्रत शास्त्री का रविवार को निधन हो गया। वह 91 वर्ष के थे।
29 सितम्बर 1930 को जन्मे श्री शास्त्री को पद्मभूषण तथा ज्ञानपीठ पुरस्कार भी मिला था। संस्कृत में ज्ञानपीठ पुरस्कार पाने वाले वे पहले लेखक थे। उन्हें 2009 में थाईलैंड की राजकुमारी ने यह पुरस्कार भारत आकर दिया था। वह उनकी छात्र रह चुकी थीं।
श्री शास्त्री कनाडा, इटली, रोमानिया, थाईलैंड, नेपाल समेत अनेक देशों में अतिथि प्रोफेसर थे एवं बैंकाक में संस्कृत प्रशिक्षण केंद्र भी स्थापित किया था। वे साहित्य अकेडमी के फेलो भी थे।
उन्हें विश्व तथा भारत के कई विश्विद्यालय से मानद डिग्री मिली थी।
वे दिल्ली विश्विद्यालय में संस्कृत विभाग के अध्यक्ष तथा जे एन यू में अतिथि प्रोफेसर भी थे। उनकी शिक्षा दीक्षा पंजाब विश्विविद्यालय तथा काशी हिंदू विश्विद्यालय में हुई थी।
91 वर्षीय डॉ. सत्यव्रत शास्त्री ने 1947 से 1949 के मध्य इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की। उसके बाद 1951 में स्नातक और 1953 में परास्नातक की पढ़ाई पूरी की। वह श्री जगन्नाथ संस्कृत यूनिवर्सिटी पुरी ओडिसा में वाइस चांसलर बने। इसके अलावा वह भारत सरकार के संस्कृत आयोग के अध्यक्ष भी रहे।
इंडिया न्यूज स्ट्रीम