नई दिल्ली । पश्चिम बंगाल में एसआईआर पर खींचतान के बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने एक बयान से राजनीतिक विवाद को बढ़ा दिया है। ममता बनर्जी ने गुरुवार को महिलाओं से मतदाता सूची से नाम कटने पर लड़ने के लिए बोला। इस पर पलटवार करते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसदों ने कहा है कि ममता बनर्जी डरी हुई हैं।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की टिप्पणी पर भाजपा सांसद अरुण गोविल ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में कहा, “धमकी वह लोग देते हैं, जो लोग अंदर से कमजोर होते हैं।”
भाजपा सांसद शशांक मणि त्रिपाठी ने कहा कि ममता बनर्जी और विपक्षी दलों को जनता की समस्याओं का अनुमान नहीं है। विरोधी दलों को जनता के असल मुद्दों पर बात करनी चाहिए, वरना आगामी चुनावों में सफाया होगा।
उन्होंने कहा, “पश्चिम बंगाल की जनता ममता बनर्जी से नाराज है। आने वाले चुनाव में जनता उन्हें बाहर करेगी। ममता बनर्जी डरी हुई हैं। वह इसलिए भी डरी हैं कि एसआईआर और चुनाव सुधार को लेकर लगाए गए उनके आरोपों का संसद में बिंदुवार तरीके से खंडन किया गया। एसआईआर पर विपक्ष की तरफ से फैलाई जा रहीं भ्रांतियों को लेकर गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में जवाब दिया। यह सिद्ध हो चुका है कि भारतीय जनता पार्टी निष्पक्ष चुनाव के पक्ष में है।”
भारतीय जनता पार्टी के सांसद राजकुमार चाहर ने सीएम ममता बनर्जी के बयान को ‘अराजकता’ फैलाने वाला करार दिया। उन्होंने कहा कि एसआईआर से पश्चिम बंगाल में सफाई अभियान होना है। एसआईआर के डर के कारण हथियार निकालने की बात कहना अराजकता होती है।
उन्होंने कहा, “पश्चिम बंगाल के कई इलाकों में रोहिंग्या और बांग्लादेश से आए लोगों ने बस्ती बनाई हैं। दूसरे देश के लोगों ने भारत में अपने राशन कार्ड और आधार कार्ड बनाकर यहां के लोगों के हक को छीनने का काम किया है। ऐसे लोगों को चिह्नित करके देश से बाहर किया जाना चाहिए।”
–आईएएनएस











