कानपुर । कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल का लंबी बीमारी की वजह से शुक्रवार को कानपुर में निधन हो गया।
तबीयत ज्यादा खराब होने के कारण उन्हें नजदीकी अस्पताल में ले जाया गया, लेकिन हालात ज्यादा खराब होने के कारण उनको कानपुर कार्डियोलॉजी के लिए रेफर कर दिया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
श्रीप्रकाश जायसवाल का निधन कांग्रेस और कानपुर सियासी जगत के लिए बड़ी क्षति माना जा रहा है। बता दें कि श्रीप्रकाश जायसवाल 1999, 2004 और 2009 में लगातार कानपुर से कांग्रेस के सांसद रहे और केंद्रीय मंत्री भी रहे। उन्होंने कांग्रेस की यूपीए-2 सरकार के दौरान कोयला मंत्रालय जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संभाली।
श्रीप्रकाश जायसवाल मनमोहन सिंह की सरकार में गृहमंत्री भी रह चुके थे।
बता दें कि श्रीप्रकाश जायसवाल का जन्म 25 सितंबर 1944 को उत्तर प्रदेश के कानपुर में हुआ था। उनके राजनीतिक सफर का केंद्र भी कानपुर ही रहा। वे यहां से तीन बार लोकसभा सांसद चुने गए। जायसवाल राजनीति के साथ-साथ सामाजिक कार्यों में काफी सक्रिय रहे। मनमोहन सिंह सरकार में उन्होंने आंतरिक सुरक्षा, कानून व्यवस्था और गृह मंत्रालय से जुड़े अहम दायित्व निभाए।
उनकी शुरुआती शिक्षा कानपुर के बीएनएसडी इंटर कॉलेज से हुई। उनकी शादी 28 अप्रैल 1967 को माया रानी जायसवाल से हुई। उनके दो बेटे, एक बेटी और दो पोते हैं। अगर सियासी सफर की बात करें तो श्रीप्रकाश जायसवाल 1989 में कानपुर शहर के मेयर बने। इसके बाद उन्होंने दिल्ली की राजनीति की तरफ रुख किया।
श्रीप्रकाश जायसवाल करीब चार दशकों तक सक्रिय और प्रभावशाली राजनीति का हिस्सा रहे। हालांकि, लोकसभा चुनाव से पहले उनके भाई प्रमोद जायसवाल ने कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया था, जिसके बाद उनके भी भाजपा में जाने की अटकलें तेज हो गई थीं, लेकिन वे कांग्रेस में ही बने रहे।
–आईएएनएस











