कानपुर । कानपुर की गलियों से उपजा ‘आई लव मोहम्मद’ विवाद अब पूरे प्रदेश की राजनीति में गर्माया हुआ है। इस मामले में समाजवादी पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को पुलिस कमिश्नर से मिला और दर्ज की गई एफआईआर को पूरी तरह निराधार बताते हुए, इसे तत्काल खत्म करने की मांग की।
प्रतिनिधिमंडल में शामिल सपा विधायक अमिताभ बाजपेई ने कहा कि इस पूरे प्रकरण को बेवजह तूल दिया जा रहा है। उन्होंने कहा, “अगर कोई अपने ईश्वर या अल्लाह से ‘लव यू’ कह देता है तो इसमें आपत्ति की कोई वजह नहीं है। हर नागरिक को अपने धर्म में आस्था और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है, लेकिन कुछ असामाजिक तत्वों और पेशेवर अपराधियों ने जानबूझकर इस छोटे से मुद्दे को बड़ा बनाकर शहर का माहौल बिगाड़ने की कोशिश की है।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि दर्ज की गई एफआईआर तथ्यों पर नहीं, बल्कि केवल भावनाओं के आधार पर की गई है और जिन लोगों के नाम इसमें शामिल किए गए हैं, उन्हें गलत तरीके से फंसाया गया है।
वहीं, सपा विधायक हसन रूमी ने पुलिस कमिश्नर से मुलाकात के बाद कहा कि यह मुकदमा वास्तव में बैनर लगाने के मुद्दे पर नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि मामले को तोड़मरोड़ कर पेश किया गया है और समाज में गलतफहमी फैलाई जा रही है। निर्दोष लोगों को आरोपी बनाना न्यायसंगत नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर इसे तुरंत समाप्त नहीं किया गया तो समाज में अनावश्यक तनाव और अशांति फैल सकती है।
प्रतिनिधिमंडल ने पुलिस कमिश्नर से मांग की कि इस विवाद को पूरी तरह खत्म किया जाए ताकि अनावश्यक रूप से समाज में दरार न पड़े। साथ ही यह भी कहा कि वे लोग, जो हर त्यौहार या धार्मिक अवसर पर विवाद खड़ा करके राजनीतिक लाभ लेना चाहते हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।
सपा विधायकों ने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार और प्रशासन इस तरह के मुद्दों को अनावश्यक महत्व देकर जनता का ध्यान असली समस्याओं से भटकाना चाहते हैं। उनका कहना था कि बेरोजगारी, महंगाई और कानून-व्यवस्था जैसी गंभीर समस्याओं से ध्यान हटाने के लिए इस तरह के छोटे-छोटे मुद्दों को उछाला जा रहा है।
–आईएएनएस