बेंगलुरु: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बांग्लादेश की एक महिला सामूहिक बलात्कार मामले में आरोपी को हिरासत में लेने के बाद मानव तस्करी के नजरिए से भी जांच शुरू कर दी है। एनआईए ने आरोपी व्यक्तियों सोबुज, रुडोई बाबू, रबीकुल इस्लाम सागर, मोहम्मद बाबू शेख, रैपसन मंडल, डालमी अहमद जिलॉन और मोहम्मद जमाल को मंगलवार को हिरासत में ले लिया। कर्नाटक पुलिस ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
एनआईए के सूत्रों ने कहा कि बांग्लादेश से भारत में मानव तस्करी पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। आरोपियों ने बांग्लादेश के गरीब परिवारों को अपनी बच्चियों को नौकरी का झांसा देकर भारत भेजने का लालच दिया था।
हालांकि, आरोपी अवैध रूप से भारत में घुसपैठ करने के बाद उन्हें वेश्यावृत्ति में धकेल देते थे।
सूत्रों ने बताया कि आरोपी मोहम्मद बाबू शेख बेंगलुरु, तिरुवनंतपुरम, कालीकट, चेन्नई, हैदराबाद और मुंबई में देह व्यापार का रैकेट चलाता था।
एनआईए ने मामले के सिलसिले में रविवार को बेंगलुरु में भी दो जगहों पर छापेमारी की है।
घटना का खुलासा 27 मई को हुआ था, जब एक गिरोह द्वारा एक महिला पर यौन हमले का वीडियो वायरल हुआ था। कर्नाटक पुलिस ने खुद संज्ञान लेने के बाद पीड़िता का पता लगाने में कामयाबी हासिल की और आरोपी व्यक्तियों को गिरफ्तार कर लिया।
जांच के दौरान यह बात सामने आई थी कि पीड़िता बांग्लादेश से अवैध रूप से भारत की सीमा में आई थी। बेंगलुरू पुलिस ने अदालत में एक हजार से अधिक पन्नों का आरोपपत्र दाखिल किया था। एनआईए ने बाद में मामले की जांच अपने हाथ में ले ली है।
–आईएएनएस