नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सीबीआई को 1984 के सिख विरोधी दंगों के आरोपी पूर्व कांग्रेस नेता सज्जन कुमार की चिकित्सा स्थिति की जांच करने का निर्देश दिया, जिन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अंतरिम जमानत मांगी है। कुमार का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और ऋषिकेश रॉय की पीठ के समक्ष प्रस्तुत किया कि उनके मुवक्किल को इलाज के लिए एक निजी अस्पताल ले जाया जाना चाहिए।
शीर्ष अदालत ने सीबीआई को कुमार की चिकित्सा स्थिति की पुष्टि करने का निर्देश दिया, जो 1984 के सिख विरोधी दंगों के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं।
पीठ ने कुमार की याचिका पर सीबीआई से जवाब मांगा और जांच एजेंसी को एक सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा। इसमें एजेंसी को कुमार की चिकित्सकीय स्थिति की पुष्टि करनी है।
सिंह ने प्रस्तुत किया कि उनके मुवक्किल का पहले एक निजी अस्पताल में एक डॉक्टर द्वारा इलाज किया गया था और अब उनके इलाज के लिए उसी का पालन किया जाना चाहिए।
इस पर पीठ ने कहा, “हम चाहते हैं कि राज्य यह सत्यापित करे कि चिकित्सीय स्थिति क्या है।”
मामले में शिकायतकर्ता का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने प्रस्तुत किया कि कुमार को इससे पहले उच्च न्यायालय से अग्रिम जमानत मिली थी और उन्हें दोषी ठहराए जाने के बाद जेल भेज दिया गया था। उन्होंने बताया कि सितंबर 2020 में, शीर्ष अदालत ने स्वास्थ्य आधार पर अंतरिम जमानत मांगने वाली कुमार की याचिका को खारिज कर दिया था।
दवे ने जोर देकर कहा कि दंगों के दौरान लोगों की हत्या की गई थी। उन्होंने कहा, “मुझे निजी अस्पतालों और इन शक्तिशाली आरोपियों के बारे में गंभीर आपत्ति है।” सिंह ने दलील दी कि उनके मुवक्किल की हालत बहुत खराब है। पीठ ने कहा, “यह अपने आप में एक अनिश्चित स्थिति है कि वह जेल में है ।”
मामले में दलीलें सुनने के बाद पीठ ने नोटिस जारी किया और मामले की अगली सुनवाई 6 सितंबर की तारीख तय की। दिल्ली उच्च न्यायालय ने 17 दिसंबर 2018 को उन्हें और अन्य को इस मामले में दोषी ठहराया था।
–आईएएनएस