मुंबई । बिहार विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, वैसे-वैसे राजनीतिक बयानबाजी और विवादों का सिलसिला तेज हो गया है। शिवसेना प्रवक्ता संजय निरुपम ने सोशल मीडिया पर वायरल एक एआई वीडियो पर कड़ा रुख अपनाया, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां का अपमान किया गया।
संजय निरुपम ने इसे शर्मनाक और निंदनीय करार देते हुए कहा कि इस वीडियो को बिहार कांग्रेस और आरजेडी नेताओं ने साझा किया, जिससे उनकी फजीहत हो रही है। राजनीति में हार-जीत एक अलग विषय है, लेकिन किसी की मां-पिता का अपमान करना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। प्रधानमंत्री की मां के अपमान से न केवल उन्हें, बल्कि पूरे देश को ठेस पहुंची है।
उन्होंने मांग की कि अपमान करने वालों को तत्काल माफी मांगनी चाहिए, क्योंकि हर किसी की मां का सम्मान सर्वोपरि है।
इसके अलावा, संजय निरुपम ने कर्नाटक सरकार और मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर भी निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि कर्नाटक में शिवाजी नगर मेट्रो स्टेशन का नाम बदलकर सेंट मैरी करने की कोशिश छत्रपति शिवाजी महाराज का अपमान है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस को सोचना चाहिए कि महाराष्ट्र में रहकर राजनीति करने वाले उनके नेता इस प्रस्ताव पर चुप क्यों हैं। इस अपमानजनक प्रस्ताव को तुरंत वापस लिया जाए और शिवाजी महाराज के नाम का सम्मान किया जाए।
वहीं, उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन के शपथ ग्रहण समारोह में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की अनुपस्थिति पर भी संजय निरुपम ने सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि उपराष्ट्रपति का पद दलगत राजनीति से ऊपर है और इस तरह के आयोजन में विपक्षी नेताओं की उपस्थिति परंपरा का हिस्सा है।
संजय निरुपम ने राहुल गांधी पर संविधान और लोकतांत्रिक परंपराओं का अपमान करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “विपक्ष केवल राजनीति में उलझा है, जनता से उसका कोई सरोकार नहीं।”
इसके साथ ही उन्होंने शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत के बयान पर प्रतिक्रिया जाहिर की। उन्होंने कहा कि पार्टी प्रतिनिधिमंडल ने मुंबई पुलिस आयुक्त देवेन भारती से मुलाकात कर संजय राउत के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
राउत लगातार नेपाल जैसी हिंसा भारत में भड़काने की बात कर रहे हैं, जो देशविरोधी और लोकतंत्र विरोधी है। संजय राउत के बयान से देशद्रोह की बू आती है और उन पर कठोर कार्रवाई होनी चाहिए।
–आईएएनएस