श्रीनगर । केनरा बैंक धोखाधड़ी मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के श्रीनगर जोनल ऑफिस ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत स्पेशल कोर्ट में अभियोजन शिकायत (पीसी) दायर की। अदालत ने अभियोजन पक्ष की शिकायत का संज्ञान लिया है।
ईडी ने केनरा बैंक के पूर्व शाखा मैनेजर एमएन डोले, इरफान मंजूर दर्जी, मेसर्स एसएमसी टूर एंड ट्रैवल्स नई दिल्ली के शाहनवाज शाह, रफल वर्ल्ड श्रीनगर के मोहम्मद परवेज मुगल, मेसर्स रफरफ टूर एंड ट्रैवल्स बडगाम के मोहम्मद असरफ देव, मेसर्स सैयद टूर एंड ट्रैवल्स श्रीनगर के सैयद कौसर नियाजी, मेसर्स रईस टूर एंड ट्रैवल्स के रईस मंजूर दर्जी, मेसर्स ट्रैवल किंग के मुदासिर नजीर वानी, मेसर्स जेके मक्का ज्वैलर्स राजौरी के इरफान राशिद खान, मेसर्स निखा ऑर्नामेंट्स श्रीनगर के इश्फाक अहमद जरगर और मेसर्स जेके गोल्ड के खलील अहमद मुगल के खिलाफ अभियोजन शिकायत (पीसी) दायर की है।
ईडी ने मैसूमा पुलिस स्टेशन, श्रीनगर द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की। इन आरोपियों पर केनरा बैंक, बादशाह चौक शाखा, श्रीनगर को 5.59 करोड़ रुपए का चूना लगाने का आरोप है।
ईडी की जांच में पता चला कि 2014 के दौरान आरोपियों ने केनरा बैंक के पूर्व शाखा प्रबंधक एमएन डोले की मिलीभगत से 26 अन्य उधारकर्ताओं के साथ गैर-मौजूद स्वामित्व वाली संस्थाओं के नाम पर कुल 30 करोड़ रुपए के नकद लोन लिए। यह जाली और फर्जी दस्तावेजों के आधार पर किया गया था, जिन्हें बाद में आरोपियों ने अन्य संस्थाओं और व्यक्तियों के विभिन्न बैंक खातों के माध्यम से लोन की राशि को रूट करने के बाद निकाल लिया था।
एमएन डोले द्वारा स्वीकृत सभी लोन बैंक नीति के घोर उल्लंघन पर, जो बाद में 2016 से नॉन-परफॉर्मिंग एसेट (एनपीए) बनने लगे, इससे जनता के पैसे को भारी नुकसान हुआ, जिसे केनरा बैंक, बादशाह चौक शाखा, श्रीनगर (जेएंडके) द्वारा संभाला गया था।
जांच में यह भी पता चला कि इन ऋण आय के महत्वपूर्ण हिस्से को एमएन डोले, शाहनवाज शाह, इरफान मंजूर दर्जी और अन्य आरोपी व्यक्तियों ने अपने फायदे के लिए साझा किया था। इस मामले में इश्फाक अहमद जरगर, असरफ देव, सैयद कौसर नियाजी और खलील अहमद मुगल से संबंधित 4.81 करोड़ रुपए की संपत्तियां कुर्क की गईं।
—आईएएनएस