नई दिल्ली । भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन ने पहली बार ओलंपिक पदक से चूकने के दर्द पर बात की। उन्होंने माना कि 2024 उनके लिए मुश्किल साल रहा, लेकिन कहा कि उनके अंदर जीतने का जुनून अभी भी कायम है और वह अगले ओलंपिक में मजबूत वापसी करना चाहते हैं।
2024 के पेरिस ओलंपिक में लक्ष्य इतिहास रचते हुए पुरुष एकल वर्ग के सेमीफाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय बने थे। इस दौरान उन्होंने ग्रुप स्टेज में जोनाथन क्रिस्टी और राउंड ऑफ 16 में अपने साथी खिलाड़ी एच.एस. प्रणय जैसे बड़े खिलाड़ियों को हराया।
हालांकि, सेमीफाइनल में उन्हें डिफेंडिंग चैंपियन विक्टर एक्सलसन ने हरा दिया, जो बाद में गोल्ड मेडल जीते। इसके बाद कांस्य पदक के मुकाबले में लक्ष्य को मलेशिया के ली जी जिया के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा। इस वजह से वह पुरुष एकल में ओलंपिक पदक जीतने वाले पहले भारतीय बनने से चूक गए।
लक्ष्य ने सोमवार को इंडिया ओपन के प्री-टूर्नामेंट प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “पिछला साल मेरे लिए थोड़ा मुश्किल रहा। पदक के इतने करीब आकर चूकना दर्दनाक था। लेकिन मेरे अंदर का जुनून अभी भी जीवित है। मैं उस निराशा से उबरकर वापसी करना चाहता हूं और इस साल बेहतर प्रदर्शन करना चाहता हूं।”
लक्ष्य ने 2022 में इंडिया ओपन जीता था जो एक बीडब्ल्यूएफ सुपर 750 टूर्नामेंट है। उस समय कोविड-19 के कारण यह टूर्नामेंट बिना दर्शकों के हुआ था। लेकिन इस बार 23 वर्षीय लक्ष्य ने वादा किया कि वह इसे भारतीय फैंस के सामने जीतेंगे।
उन्होंने कहा, “जब मैंने 2022 में इंडिया ओपन जीता था, तो यह फैंस के सामने नहीं हुआ था। लेकिन इस बार, मैं इसे अद्भुत भारतीय दर्शकों के सामने जीतने की उम्मीद करता हूं। यह फैंस के लिए एक शानदार मौका है कि वे हमें लाइव देखें और बड़े सितारों का खेल देखें।”
इस सीजन के शुरुआती टूर्नामेंट, मलेशिया ओपन में लक्ष्य पहले ही दौर में बाहर हो गए। उन्हें चीनी ताइपे के लोअर-रैंक खिलाड़ी ची यू-जेने के खिलाफ सीधे सेटों में हार का सामना करना पड़ा था।
–आईएएनएस