नई दिल्ली।गुरुवार रात को हुई भाजपा सांसदों की बैठक को राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा व राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष और अन्य नेताओं ने सम्बोधित किया और सभी को एक जुटता का पाठ पढ़ाया
बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की उपस्थिति सबसे अधिक आकर्षण का केन्द्र रही । प्रदेश सांसदों और अन्य पदाधिकारियों तथा नेताओं से कहीं अधिक सबका ध्यान वसुन्धरा राजे के आगमन पर रहा। उन्हें मुख्य मंच पर स्थान दिया गया। हालाँकि बेनर पर उनका फ़ोटो नही था।राजे लम्बे अरसे बाद राजस्थान के नेताओं के साथ पार्टी की किसी बैठक में नजर आई।हालाँकि भाजपा कार्यसमिति की बैठक में राजे वर्चुअल रूप से जुड़ती रही।
राजस्थान विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता गुलाब चन्द कटारिया के कथित ताज़ा बयान कि भाजपा नहीं होती तों भगवान राम समुद्र में होते….
कांग्रेस की तरह राजस्थान भाजपा में चल रहे घमासान के मध्य नई दिल्ली के वेस्टर्न कोर्ट मेंआयोजित इस बैठक में वसुन्धरा राजे के अलावा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया व उप नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़, संगठन महामंत्री राजस्थान चन्द्रशेखर, प्रदेश सहप्रभारी भारती बेन,राष्ट्रीय सचिव अलका गुर्जर आदि मौजूद थे।
केन्द्र सरकार के कोरोना प्रबंधन और नरेन्द्र मोदी सरकार के कामकाज को आमजन तक पहुंचाने की रणनीति के लिए बुलाई गई इस बैठक में केन्द्रीय नेताओं ने राजस्थान के नेताओं को एकजुटता का संदेश दिया ।
गौर तलब है कि पिछले लम्बे अर्से से प्रदेश भाजपा नेताओं के मध्य खिचतान और मन मुटाव की खबरें दिल्ली को परेशान कर रही थी । विशेष कर वसुन्धरा राजे का विकल्प बनने की कौशिश कर रहे ग्रूप का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे समर्थक पार्टी लाइन से अलग चल रहे हैं। इस कारण पूर्व मंत्री रोहिताश कुमार शर्मा के खिलाफ प्रदेश नेतृत्व को पार्टी से निष्कासित करने की कार्रवाई करनी पड़ी है ।
जानकार सूत्रों के अनुसार बैठक का नाम कोराना प्रबंध सेवा कार्यों की समीक्षा दिया गया,लेकिन असल मकसद राजू में सत्ताधीश कांग्रेस से लोहा लेने के लिए एकजुटता दर्शाना की कवायद करना था। बताते है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा के विशेष आग्रह पर वसुन्धरा राजे बैठक में शामिल हुई। वह कई दिनों से दिल्ली में है और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के सम्पर्क में भी है। राजे ग्रूप के नेताओं ने बताया कि महारानी साहिबा के खिलाफ़ ग़लत प्रचार किया जा रहा है जबकि सच यह है कि वसुन्धरा राजे के नेतृत्व में पार्टी ने सभी पिछलें रिकार्ड्स को तोड़ते हुए प्रदेश में कीर्तिमान के नए झंडे गाड़े है और आगे भी वसुन्धरा जी की अगुवाई में ही कांग्रेस को सत्ता से बाहर करना सम्भव होगा। एक नेता ने यहाँ तक कहा कि राजे ही राजस्थान है।
सूत्रों ने बताया कि पार्टी संगठन 2023 में होने वाले विधानसभा चुनावों तक राजस्थान में सभी को एकजुट करना चाहती है ताकि अगले चुनाव में पार्टी को पहले की तरह प्रचंड बहुमत और सफलता मिले।
बैठक में लोकसभाध्यक्ष ओम बिड़लाके अलावा केन्द्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव, गजेन्द्र सिंह शेखावत, अर्जुन राम मेघवाल, कैलाश चौधरी तथा अन्य लगभग सभी सांसद मौजूद थे।
बैठक के बाद भूपेन्द्र यादव। की ओर से डीनर का आयोजन किया गया जिसमें विशेष रूप से राजस्थानी व्यंजन परोसे गए। जिसमें मिठाई घेवर भी शामिल था।
पिछले माह प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां तीन दिनों तक केन्द्रीय नेतृत्व से मुलाकात के सिलसिले में दिल्ली गए थे तथा राजस्थान प्रभारी अरुण कुमार से जो फीडबैक मिल रहा था उसके बाद सांसदों यह बैठक शीर्ष नेताओं के निर्देश पर हुई।