नई दिल्ली । राजस्थान के उदयपुर में हुए कन्हैयालाल हत्याकांड पर आधारित फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ की रिलीज पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक बरकरार रखी है। इसके अलावा, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की पांच सदस्यीय जांच कमेटी ने फिल्म में छह बदलाव करने के सुझाव दिए हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को इन सुझावों की कॉपी याचिकाकर्ताओं को सौंपने और अगली सुनवाई 24 जुलाई को करने का निर्देश दिया है। तब तक फिल्म की रिलीज पर रोक जारी रहेगी।
दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश पर गठित जांच कमेटी ने फिल्म के डिस्क्लेमर में बदलाव, वॉयस ओवर जोड़ने और कुछ क्रेडिट फ्रेम हटाने की सलाह दी है। इसके अलावा, सऊदी अरब में इस्तेमाल होने वाली पगड़ी के एआई-जनरेटेड सीन में बदलाव, नूपुर शर्मा के प्रतीकात्मक नाम ‘नूतन शर्मा’ को हटाकर नया नाम इस्तेमाल करने और उनके डायलॉग “मैंने तो वही कहा है जो उनके धर्म ग्रंथों में लिखा है” को हटाने का सुझाव दिया गया है। साथ ही, बलूची समुदाय से जुड़े तीन डायलॉग भी हटाने को कहा गया है, जिनमें “हाफिज, बलूची कभी वफादार नहीं होता”, “मकबूल बलूची की… अरे क्या बलूची, क्या अफगानी, क्या हिंदुस्तानी, क्या पाकिस्तानी” जैसे डायलॉग शामिल हैं।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में बताया कि केंद्र सरकार ने इन सुझावों के साथ आदेश जारी कर दिया है। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा कि वे केंद्र के फैसले की कॉपी देखने के बाद अगली सुनवाई में मामले पर विचार करेंगे।
‘उदयपुर फाइल्स’ 2022 में उदयपुर के दर्जी कन्हैयालाल साहू की हत्या पर आधारित है, फिल्म को सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (सीबीएफसी) ने 50 से ज्यादा कट के साथ मंजूरी दी थी, लेकिन याचिकाकर्ताओं का कहना है कि यह सांप्रदायिक तनाव भड़का सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद अगली तारीख तय की है।
‘उदयपुर फाइल्स’ में विजय राज, रजनीश दुग्गल और प्रीति झांगियानी जैसे कलाकार अहम भूमिकाओं में हैं। यह फिल्म 11 जुलाई को देशभर के सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली थी। हालांकि, जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने याचिका दायर कर दावा किया कि फिल्म का कंटेंट सांप्रदायिक तनाव भड़का सकता है।
—आईएएनएस