डासना मंदिर में पूजा करते वसीम रिजवी
उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश के प्रमुख मुस्लिम चेहरों में शामिल रहे वसीम रिजवी इस्लाम धर्म छोड़कर आज से हिन्दू बन गए हैं। आज गाजियाबाद में यति नरसिंहानंद सरस्वती ने सनातन धर्म में उनकी वापसी करवाई। वसीम रिजवी ने कहा कि मुझे इस्लाम से बाहर कर दिया गया है, हमारे सिर पर हर शुक्रवार को ईनाम बढ़ा दिया जाता है, सनातन धर्म अपना रहा हूं।
इस मौके पर उन्होंने कहा कि धर्म परिवर्तन की यहां कोई बात नहीं है। जब मुझे इस्लाम से निकाल दिया गया, तब यह मेरी मर्जी है कि मैं किस धर्म को स्वीकार करूं। सनातन धर्म दुनिया का सबसे पहला धर्म है और उसमें इतनी अच्छाइयां हैं, इंसानियत है कि हम समझते हैं कि इतनी किसी और धर्म में नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि इस्लाम को हम धर्म समझते ही नहीं हैं। इतना पढ़ लेने के बाद इस्लाम के बारे में मोहम्मद के बनाए धर्म और जो उनका आतंकवादी चेहरा है उसको पढ़ने के बाद हम यह समझते हैं कि इस्लाम कोई धर्म नहीं है। यह मोहम्मद द्वारा बनाया गया हुआ एक आतंकी गुट है जो 1,400 साल पहले अरब में तैयार किया गया था।
उन्होंने कहा कि जब हमें इस्लाम से निकाल दिया गया तो हर जुम्मे के बाद हमारा सर काटने के लिए कहा जाता है।
कुछ समय पहले वसीम रिजवी ने अपनी वसीयत में भी लिख दिया था कि मरने के बाद उन्हें दफनाने की बजाय हिंदू रीति रिवाज से उनका अंतिम संस्कार किया जाए। हालांकि मुस्लिम समुदाय का कहना है कि इस्लाम और शियाओं से इसका कुछ लेना-देना नहीं है।
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले वसीम रिजवी ने एक वीडियो भी जारी किया था, जिसमें उन्होंने बताया था कि उनकी हत्या की साजिश रची जा रही है। कट्टरपंथी उनकी गर्दन काटना चाहते हैं। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में कुरान की 26 आयतों के खिलाफ याचिका दायर की है इसीलिए ऐसा किया जा रहा है। उन्हें मारने का ऐलान किया गया है। वो लोग कहते हैं कि कब्रिस्तान में उन्हें दफन करने की जगह नहीं देंगे। इसीलिए उन्होंने कहा है कि मरने के बाद उनका अंतिम संस्कार किया जाए। उनकी चिता को आग महंत यति नरसिंहानंद गिरि महाराज ही दें।
वसीम रिजवी काफी समय से कट्टरपंथियों के निशाने पर हैं। वो कट्टरपंथ के खिलाफ खुलकर आवाज उठाते रहते हैं। उनको कई बार जान से मारने की धमकियां मिल चुकी हैं।
——– इंडिया न्यूज़ स्ट्रीम