बीएनपी नेता तारिक रहमान को ‘विशेष छूट’: बांग्लादेश अवामी लीग का सवाल, ‘क्या वो देश के कानून से ऊपर’

ढाका । पूर्व प्रधानमंत्री बेगम खालिदा जिया के बेटे और बांग्लादेश नेशनल पार्टी (बीएनपी) के कार्यवाहक चेयरमैन तारिक रहमान 17 साल बाद स्वदेश लौटे। उन्हें अवाम ने हाथों हाथ लिया और अंतरिम सरकार ने भी सम्मान में कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ी। इस बीच अवामी लीग ने मुहम्मद यूनुस सरकार की ओर से उन्हें दी जारी सहूलियतों पर फिक्र जाहिर की और सवाल किया कि क्या वे देश के कानून से ऊपर हैं?

रहमान की बांग्लादेश वापसी चुनावी तारीखों के ऐलान के बाद हुई है। चुनाव आयोग ने 11 दिसंबर को ही घोषणा की थी कि देश का 13वां राष्ट्रीय संसदीय चुनाव, जुलाई चार्टर पर जनमत संग्रह के साथ, अगले साल 12 फरवरी को होगा।

ढाका ट्रिब्यून के अनुसार बीएनपी नेता शनिवार को देश के रजिस्टर्ड वोटर बनने के लिए ईसी ऑफिस पहुंचे। उन्होंने इससे संबंधित सभी औपचारिकताएं भी पूरी कीं।

अवामी लीग का सवाल इसी को लेकर है। उन्होंने इसे विशेषाधिकार का नाम दिया। पूछा, “एक बार दोषी ठहराए गए आरोपी तारिक रहमान को अब एक के बाद एक विशेषाधिकार मिल रहे हैं, कानून के बार-बार उल्लंघन से लोगों के मन में गहरे सवाल उठ रहे हैं। जो कानून आम नागरिकों के लिए सख्त और बिना किसी छूट के है – क्या वह तारिक रहमान के मामले में नरम हो जाता है? या असल में वह कानून से ऊपर है?”

पार्टी ने अन्य सुविधाओं का भी जिक्र किया। कहा, “देश में कदम रखते ही ये मुद्दे साफ दिखने लगे हैं। तय टोल सुविधाओं पर टोल न देना – एक ऐसा अपराध जिसके लिए आम लोगों को बिना किसी सबूत के सजा मिलती है – इसे कैसे नजरअंदाज किया जा रहा है?”

पार्टी ने बांग्लादेशी कानून का हवाला देते हुए कहा कि देश में चुनाव कार्यक्रम घोषित होने के बाद नए वोटर रजिस्ट्रेशन पर कानूनी रोक है लेकिन रहमान का रजिस्ट्रेशन करा दिया गया।

इसके अलावा, पार्टी ने पूछा कि यह प्रक्रिया शनिवार को, जो कि सरकारी छुट्टी का दिन होता है, कैसे पूरी की गई, कानून का पालन कैसे किया गया और किसके निर्देश पर यह किया गया?

अवामी लीग के अनुसार, ये घटनाएं अलग-थलग नहीं हैं, बल्कि एक पैटर्न को दिखाती हैं। सवाल उठता है कि क्या रहमान के लिए अलग नियम लागू किए जा रहे हैं? अगर ऐसा है, तो संविधान का वो सिद्धांत जो कहता है “कानून सभी के लिए समान है” आज की तारीख में कहां ठहरता है?

पार्टी ने कहा, “अपराध कभी छोटा या बड़ा नहीं होता – अपराध, अपराध होता है। अगर सत्ता की ताकत से छोटे अपराधों को वैध बनाया जाता है, तो यह तय है कि बड़े अपराधों को बढ़ावा मिलेगा। कानून तोड़ने का यह विशेष विशेषाधिकार न केवल एक व्यक्ति पर सवाल उठाता है; यह पूरे देश की व्यवस्था को जांच के दायरे में लाता है।”

इस बात पर बल देते हुए कि लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या बांग्लादेश में कानून सच में सभी के लिए समान है, या रहमान के लिए एक अलग कानून लिखा जा रहा है, अवामी लीग ने चेतावनी दी कि स्पष्ट जवाबों की कमी से, कानून के शासन में लोगों का विश्वास डगमगा जाएगा और स्थिति भयावह हो जाएगी।

–आईएएनएस

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