नई दिल्ली । अमेरिका ने क्रिसमस के मौके पर उत्तर-पश्चिम नाइजीरिया में आईएसआईएस लड़ाकों पर हमला किया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया के जरिए इसकी जानकारी दी और नाइजीरिया की सरकार ने भी प्रेस रिलीज में हमले की पुष्टि की है। अमेरिका के नाइजीरिया पर इस हमले को लेकर पूर्व राजदूत महेश सचदेवा ने आईएएनएस से खास बातचीत की।
पूर्व राजदूत महेश सचदेवा ने कहा, “अमेरिकी मिसाइल हमले का नाइजीरिया की सुरक्षा पर क्या असर होगा, इस पर बहस हो सकती है और इससे ईसाई-विरोधी तनाव और भी बढ़ सकता है। ज्यादातर हिंसा बोको हरम और आईएसआईएस सरकारी अधिकारियों को निशाना बनाकर करते हैं, और आम लोग अक्सर गोलीबारी में फंस जाते हैं।”
उन्होंने कहा, “केंद्रीय नाइजीरिया में झगड़े धर्म के बजाय, माइग्रेट करने वाले फुलानी समूह और ईसाई गांवों के बीच चरवाहे की जमीन से भी होते हैं। देश में, अमेरिका की कार्रवाई उसके ज्यादातर ईसाई एमएजीए बेस को पसंद आ सकती है, और इसे अफ्रीका के सबसे ज्यादा आबादी वाले देश में ईसाइयों की सुरक्षा के तौर पर दिखाया जा सकता है।”
बता दें, उत्तर-पश्चिम नाइजीरिया में अमेरिकी स्ट्राइक के बारे में ट्रंप के बयान को लेकर पूर्व डिप्लोमैट महेश सचदेवा ने कहा, “नाइजीरिया में पूर्व हाई कमिश्नर के तौर पर, मैं इस बहुत जरूरी विकास पर ध्यान देता हूं। यह पहली बार है जब अमेरिका ने नाइजीरिया की सुरक्षा में सैन्य दखल दिया है, और उत्तर-पश्चिमी नाइजीरिया के सोकोटो में आईएसआईएस बेस को टारगेट करने के लिए नाइजीरियाई इलाके के ऊपर लंबी दूरी की मिसाइलें लॉन्च की हैं। क्रिसमस के दिन की गई इस कार्रवाई से आईएसआईएस को साफ मैसेज जाता है कि अमेरिका ईसाइयों को हमलों से बचाने के लिए दखल देगा।”
नाइजीरिया में लगातार ईसाइयों पर हो रहे हमले को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति ने पहले ही चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा था कि अगर ये नहीं रूकता है, तो अमेरिका हमला करेगा।
ट्रंप ने गुरुवार को अपने ट्रूथ सोशल प्लेटफॉर्म पर एक पोस्ट में कहा, “आज रात, कमांडर इन चीफ के तौर पर दिए मेरे निर्देश पर अमेरिका ने उत्तर-पश्चिम नाइजीरिया में आईएसआईएस आतंकवादियों के खिलाफ एक शक्तिशाली और घातक हमला किया। आतंकवादियों ने मुख्य रूप से निर्दोष ईसाइयों को निशाना बनाया और बेरहमी से मारा, जो कई सालों और सदियों में नहीं देखा गया था। मैंने पहले ही इन आतंकवादियों को चेतावनी दी थी कि अगर उन्होंने ईसाइयों का नरसंहार बंद नहीं किया तो उन्हें इसका अंजाम भुगतना पड़ेगा और आज रात ऐसा ही हुआ।”
अमेरिकी सेना की अफ्रीका कमांड (एएफआरआईसीओएम) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि हवाई हमला नाइजीरियाई अधिकारियों के अनुरोध पर किया गया था। इसमें ‘कई आतंकवादी’ मारे गए। अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने लिखा, “मैं नाइजीरियाई सरकार के समर्थन और सहयोग के लिए आभारी हूं।”
–आईएएनएस











