नई दिल्ली । यह साल अब अपने अंतिम पड़ाव पर है। इस साल दुनियाभर में कई घटनाएं देखने को मिलीं, कुछ अच्छी तो कुछ बुरी। इस साल विवादों का एक दौर भी देखने को मिला। दुनियाभर में इस साल अलग-अलग तरह के विवाद सामने आए। विवादों में दुनिया के कई विश्वविद्यालयों का नाम भी रहा है। आइए जानते हैं कि इस साल दुनिया के कौन-कौन से विश्वविद्यालय विवादों में रहे।
अमेरिका का हावर्ड यूनिवर्सिटी विवादों में रहा। इसकी वजह फिलिस्तीन में इजरायल के साथ हो रहा गाजा युद्ध था। यूनिवर्सिटी में गाजा युद्ध को लेकर छात्र प्रदर्शन, कैंपस में यहूदी-विरोध और अभिव्यक्ति की आजादी पर बहस देखने को मिली। यह मुद्दा इजरायल को युद्ध के लिए फंडिंग, सेफ स्पेस बनाम फ्री स्पीच रहा।
अमेरिका का कोलंबिया यूनिवर्सिटी भी इस साल विवादों में घिरा रहा। यहां भी मुद्दा फिलिस्तीन से जुड़ा था। प्रो-फिलिस्तीन छात्र आंदोलन, कैंपस में टेंट प्रोटेस्ट, क्लास बाधित होना, यूनिवर्सिटी प्रशासन द्वारा पुलिस बुलाना और छात्रों की गिरफ्तारी चर्चा में रहे।
ब्रिटेन के ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने भी इस साल विवादों की लिस्ट में अपनी जगह बना ली। यहां औपनिवेशिक इतिहास से जुड़े कोर्स, मूर्तियों और नामों में बदलाव की मांग को लेकर विवाद देखने को मिला। इसके अलावा ‘डिकॉलोनाइज द सिलेबस’ अभियान भी चला।
ब्रिटेन का मशहूर कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी भी विवादों से घिरा, जिसका मुख्य कारण इजरायल और फिलिस्तीन के बीच संघर्ष को लेकर छात्रों और फैकल्टी की राजनीतिक बयानबाजी रहा।
फ्रांस के साइंसेज पो में मिडिल ईस्ट के मुद्दों को लेकर छात्रों का भारी प्रदर्शन देखने को मिला। हालात पर काबू पाने के लिए क्लास को सस्पेंड करने और कैंपस लॉकडाउन करने का फैसला लिया गया।
जर्मनी के फ्री यूनिवर्सिटी बर्लिन में इजरायल और फिलिस्तीन के मुद्दे पर विवाद देखने को मिला। इसका परिणाम यह निकला कि इजरायल-फिलिस्तीन विषय पर आयोजित कार्यक्रम को रद्द करना पड़ा। इसके अलावा जर्मनी के सख्त एंटी-हेट और एंटी-सेमिटिज्म कानून को लेकर भी विवाद हुआ।
ऑस्ट्रेलिया की यूनिवर्सिटी ऑफ सिडनी में भी इन संघर्षों को लेकर छात्रों का गुस्सा देखने को मिला। छात्रों ने विदेशी संघर्षों को लेकर यूनिवर्सिटी में नारे लगाए और विरोध प्रदर्शन भी किया। कुछ गतिविधियों पर प्रशासनिक कार्रवाई भी देखने को मिली।
कनाडा का यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो भी विवादों की लिस्ट में शामिल रहा। राजनीतिक गतिविधियों को लेकर प्रोफेसरों और छात्रों के बीच तीखी बयानबाजी और कैंपस में माहौल को लेकर शिकायतें विवादों का हिस्सा रहीं।
विवादों की इस लिस्ट में भारत के दो विश्वविद्यालय भी शामिल रहे। इसमें एक नाम जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय और दूसरा दिल्ली विश्वविद्यालय का था। जेएनयू में छात्र राजनीति, विचारधारात्मक टकराव, कैंपस हिंसा और प्रशासनिक फैसले विवाद के कारण रहे।
इसके अलावा, डीयू में इतिहास और राजनीति से जुड़े सिलेबस में बदलाव, कुछ विषयों को हटाने और जोड़ने पर विवाद देखने को मिला।
–आईएएनएस











