नई दिल्ली । पाकिस्तानी साइबर हमलावरों ने भारत में रक्षा और सशस्त्र बलों से जुड़ी वेबसाइटों पर साइबर अटैक के जरिए संवेदनशील डेटा चुराने की कोशिश की है। सोमवार को यह जानकारी सामने आई।
पाकिस्तानी हैकर्स के एक्स अकाउंट “पाकिस्तान साइबर फोर्स” के माध्यम से यह दावा किया गया है कि उन्होंने भारतीय मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस (एमईएस) और मनोहर पर्रिकर रक्षा अध्ययन एवं विश्लेषण संस्थान से संवेदनशील जानकारी प्राप्त कर ली है।
इस दावे से यह संकेत मिलता है कि हमलावरों ने रक्षा कर्मियों से जुड़ी व्यक्तिगत जानकारियां और लॉगिन क्रेडेंशियल्स तक पहुंच बनाई हो। भारत के साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ और एजेंसियों ने तुरंत प्रभावी कदम उठाते हुए कार्रवाई की है। यह भी सामने आया है कि इसी समूह ने रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई आर्मर्ड व्हीकल निगम लिमिटेड की वेबसाइट को डिफेस करने का प्रयास किया। वेबसाइट पर पाकिस्तान का झंडा और पाकिस्तान का मुख्य युद्धक टैंक ‘अल-खालिद’ दिखाया गया।
सूत्रों के अनुसार, एहतियाती कदम के तौर पर आर्मर्ड व्हीकल निगम लिमिटेड की वेबसाइट को ऑफलाइन कर दिया गया है ताकि उसकी गहन जांच की जा सके और किसी संभावित नुकसान का मूल्यांकन किया जा सके। साथ ही वेबसाइट की अखंडता को सुनिश्चित करने के लिए व्यापक ऑडिट किया जा रहा है। साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ और एजेंसियां लगातार साइबरस्पेस की निगरानी कर रही हैं। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि किसी भी अन्य संभावित हमले की पहचान समय रहते की जा सके। विशेष रूप से उन हमलों की जो पाकिस्तान समर्थित खतरे वाले तत्वों द्वारा किए जा रहे हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, यह निगरानी प्रयास भविष्य के खतरों की त्वरित पहचान और उन्हें रोकने के उद्देश्य से की जा रही है। स्थिति को देखते हुए सुरक्षा ढांचे को मजबूत करने, डिजिटल सुरक्षा को बेहतर करने और आगे किसी भी घुसपैठ से सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।
अब तक “साइबर ग्रुप हॉक्स1337” और “नेशनल साइबर क्रू” जैसे कई पाकिस्तानी हैकर समूहों की पहचान की जा चुकी है। इन समूहों ने भारत की कई अहम वेबसाइटों को निशाना बनाने की असफल कोशिश की। रक्षा सूत्रों बताया कि भारतीय साइबर सुरक्षा एजेंसियों ने इन प्रयासों को समय रहते पहचानकर निष्क्रिय कर दिया।
इससे पहले, पिछले गुरुवार को भी इसी तरह के हमले किए गए थे। बीते सप्ताह हैकरों ने आर्मी पब्लिक स्कूल नागरोटा और अन्य वेबसाइटों को निशाना बनाकर डिफेस करने की कोशिश की थी। एक अन्य मामले में पूर्व सैनिकों की स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ी वेबसाइट को भी डिफेस किया गया, जो पाकिस्तान की बढ़ती हताशा को दर्शाता है।
–आईएएनएस