वाराणसी:ज्ञानवापी मस्जिद वाराणसी के परिसर में सर्वेक्षण के आदेश के ख़िलाफ़ सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने अदालत में बुधवार को रिवीज़न याचिका दायर की है।
फ़िलहाल अदालत ने सुनवाई को 9 जुलाई तक के लिए टाल दिया है।अगली सुनवाई में अदालत यह तय करेगी कि रिवीज़न याचिका सुनवाई लायक है या नहीं?
बोर्ड के अध्यक्ष ज़ुफ़र फ़ारूक़ी के अनुसार, ज्ञानवापी मस्जिद की खुदाई भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) से कराने के आदेश के ख़िलाफ़ ज़िला न्यायाधीश ओम प्रकाश त्रिपाठी की अदालत में बुधवार को रिवीज़न याचिका दाखिल की गई है।
बोर्ड के अधिवक्ता अभय यादव और तौहीद खान ने फास्ट ट्रैक कोर्ट सिविल जज सीनियर डिवीजन के 08 अप्रैल 2021 के आदेश को रिवीजन याचिका में चुनौती दी है।
उल्लेखनीय है कि 08 अप्रैल के एक आदेश में अदालत ने कहा था कि श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद की खुदाई भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण 0 5 सदस्यीय टीम की देखरेख में कराई जाए।ताकि तस्दीक हो सके कि उसके नीचे शिविलिंग है या नहीं है।
बोर्ड याचिका में कहा गया है कि ऐसा आदेश देने का अधिकार इस अदालत को नहीं है। इसके साथ ही इस पूरे मुक़दमे की सुनवाई का अधिकार भी यहां की अदालत को नहीं है।
ज्ञानवापी परिसर से संबंधित मसले की सुनवाई का अधिकार सेंट्रल सुन्नी वक्फ बोर्ड लखनऊ को है। इस मुद्दे पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय में भी मुक़दमा विचाराधीन है।
रिवीज़न याचिका की एक कॉपी अदालत में मौजूद प्राचीन मूर्ति स्वयंभू ज्योतिर्लिंग लॉर्ड विश्वेश्वर के वाद मित्र अधिवक्ता विजय शंकर रस्तोगी को उपलब्ध कराई गई है।
वर्ष 1991 में प्राचीन मूर्ति स्वयंभू ज्योतिर्लिंग लॉर्ड विश्वेश्वरनाथ तथा अन्य पक्षकारों ने ज्ञानवापी में नए मंदिर के निर्माण तथा हिंदुओं को पूजा पाठ करने के अधिकार देने को लेकर मुकदमा दाखिल किया था।
इस मामले में वादमित्र विजय शंकर रस्तोगी ने ज्ञानवापी परिसर और कथित विवादित स्थल का भौतिक एवं पुरातात्विक दृष्टि से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण से रडार तकनीक से सर्वेक्षण कराने की अपील साल 2019 में अदालत में की थी। सुनवाई के बाद अदालत ने 08 अप्रैल 2021 को पुरातात्विक सर्वेक्षण का आदेश दिया था।
इंडिया न्यूज़ स्ट्रीम