नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भारत सरकार से अपील की कि इस साल का ‘भारत रत्न’ का सम्मान भारतीय डॉक्टर को मिलना चाहिए। उनके मुताबिक ‘भारतीय डॉक्टर’ मतलब सभी डॉक्टर्स, नर्सिस और पैरामेडिक्स से है। केजरीवाल का मानना है कि शहीद हुए डाक्टर्स को यह सच्ची श्रद्धांजली होगी। साथ ही, अपनी जान और परिवार की चिंता किए बिना सेवा करने वालों का यह सम्मान होगा।
सीएम केजरीवाल रविवार को स्टेप वन की तरफ से आयोजित ‘डॉक्टर डे’ समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में हिस्सा लिया। इस दौरान सीएम केजरीवाल ने यह बात कही।
सीएम ने कोरोना के दौरान शहीद हुए डॉक्टर्स व फ्रंटलाइन वर्कर्स को पूरे देश की तरफ से श्रद्धांजलि अर्पित करते कहा कि दिल्ली सरकार ने शहीद हुए डॉक्टर या फ्रंटलाइन वर्कर्स के परिवार को एक-एक करोड़ रुपए की सम्मान राशि दी। उनके मुताबिक यह कोई मुआवजा नहीं है, बल्कि यह धन्यवाद बोलने का एक तरीका है।
”डॉक्टर डे समारोह में वीडियो कांफ्रेंस के जरिए देश के अलग-अलग राज्यों से स्टेप वन से जुड़े 200 से ज्यादा डॉक्टर और वॉलेंटियर्स ने हिस्सा लिया। सीएम अरविंद केजरीवाल ने सबसे पहले ”डॉक्टर्स डे” समारोह में मुख्य अतिथि बनाए जाने के लिए स्टेप वन संस्था को धन्यवाद दिया। सीएम अरविंद केजरीवाल ने स्टेप वन की पूरी टीम को बधाई देते हुए कहा कि स्टेप वन की पूरी टीम ने पिछले डेढ़ साल में कोविड के दौरान पूरे देश में बढ़-चढ़कर लोगों की सेवा की है।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा, ”जिस तरह से पूरी मेडिकल समुदाय ने आगे बढ़कर इस कोरोना काल में देश की सेवा की है, लोगों की मदद की है, पूरा देश इसके लिए बहुत-बहुत आभारी है। मैं व्यक्तिगत रूप से बहुत सारे ऐसे डॉक्टर को जानता हूं, जो कई-कई महीनों तक अपने घर नहीं गए। वो अपने बच्चों की परवाह किए बिना, अपने परिवार की परवाह किए बिना और कोरोना की परवाह किए बिना, अपनी जान की बाजी लगाकर पूरी लगन के साथ लोगों की सेवा की। इसके बदले में उनको कुछ नहीं मिलता था। इसके बदले में उनको कोई अतिरिक्त पैसा नहीं मिलता था और उनको इसके बदले में कोई अतिरिक्त पद नहीं मिलता था। फिर भी ऐसे समय में पूरी शिद्दत के साथ डॉक्टर्स ने लोगों की सेवा की। ऐसे सभी डॉक्टर, सभी नर्स और स्टाफ को हम सलाम करते हैं।”
सीएम अरविंद केजरीवाल ने वाट्सएप पर आए एक मैसेज का जिक्र करते हुए कहा, ” मेरे पास वाट्सएप पर एक मैसेज आया था, जिसमें बहुत ही दिलचस्प लिखा था कि कोरोना के काल में मंदिर बंद हैं, क्योंकि भगवान सफेद कोट पहन कर अस्पतालों में घूम रहा है। लोगों की डॉक्टर के प्रति जो भावना है, वह यह है कि लोग डॉक्टर्स को भगवान की तरह पूजते हैं। लेकिन इसके बावजूद ऐसे भी कई मौके आए, जब कुछ लोगों ने डॉक्टर के साथ गलत व्यवहार किया।
देश में कई ऐसे मौके देखने को मिले। हालांकि 90-95 फीसद मामलों डॉक्टर्स जैसा भी हो, बर्दाश्त करते हैं और सामने वाले मरीज की स्थिति को समझते हुए, उसकी मानसिकता को समझते हुए बहुत कुछ बर्दाश्त करते हैं, लेकिन जो चीजें बर्दाश्त से बाहर हो जाती है, तो डॉक्टर्स को कभी-कभी विरोध भी करना पड़ता है। इतनी कठिन परिस्थितियों के अंदर भी डॉक्टर्स ने पूरी शिद्दत के साथ काम किया। इस दौरान कई सारे डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ को हम लोगों ने खोया भी है। लोगों की सेवा करते-करते कई लोग शहीद हो गए। मैं उन सब लोगों को श्रद्धांजलि देता है, उन सभी लोगों को सलाम करता हूं और पूरे देश की तरफ से उन लोगों को श्रद्धांजलि देता हूं। ”
–आईएएनएस