त्योहार के मौसम में भीड़भाड़ से बचें कोरोना बढ़ सकता है, 6 एम्स के निदेशकों की अपील

नई दिल्ली। देश के छह अखिल भारतीय आयुर्वेदिक संस्थानों के निदेशकों ने त्यौहार के मौसम को देखते हुए लोगों से कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करने तथा भीड़भाड़ इलाके से जाने से बचने की सलाह दी है ।उनका कहना है कि कोरोना का प्रकोप अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है इसलिए किसी तरह की कोताही न बरती जाए अन्यथा फिर से यह महामारी फैल सकती है।

उन्होंने कहा कि देश मे 100 करोड़ टीके लगाने की सफलता के बाद लोगों को अभी एहतियात बरतने की जरूरत है।उन्होंने बहुत आवश्यक पड़ने पर ही सार्वजनिक यात्रा करने की सलाह दी है।

पटना गोरखपुर रायबरेली रायपुर और देवघर के एम्स के निदेशकों ने अलग अलग अपील जारी कर यह सलाह दी है।

पटना एम्स के निदेशक पी के सिंह ने कहा है “अभी त्योहार का मौसम चल रहा है। कई त्योहार खत्म हो चुके हैं। कुछ आने वाले हैं। हमें ध्यान रखना होगा कि अभी मौसम भी बदल रहा है। गर्मी से सर्दी। ऐसे में कई तरह के संक्रमण होते रहे हैं। जरा सी लापरवाही से बड़ी मुसीबत आ सकती है। हमें सभी को समझाना है कि कोरोना पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है।

उन्होंने कहा कि बिहार जैसे राज्य में लोग त्योहार के मौसम में दूर से आते हैं। अपने परिवार के साथ पर्व मनाने आते हैं। रेल, बस और हवाई जहाज की यात्रा करते हैं। मेरी सलाह है कि यदि बहुत अधिक जरूरी न हो, तो इस साल सार्वजनिक यात्रा से बचा जा सकता है। त्योहार अगले साल भी होगा। कोरोना पर देश ने एक बार विजय हासिल कर लिया, तो अगले साल सभी मिलकर त्योहार मनाएंगे।

उन्होंने यह भी कहा “हमें और आपको अभी भी सावधान रहने की जरूरत है। लोगों को कोरोना अनुरूप व्यवहार का पालन करने के लिए प्रेरित करना होगा। त्योहारों के मौसम में सावर्जनिक जगहों पर लोग जाएं तो मास्क जरूर लगाकर जाएं। जितना संभव हो निर्धारित दूरी का पालन करें। जो लोग किसी गंभीर अथवा संक्रामक रोग से ग्रेसित हैं, उन्हें सार्वजनिक जगहों पर जाने से बचना चाहिए।

श्री सिंह ने कहा कि यह बेहद जरूरी है कि किसी भी त्योहार के आयोजकों को विशेष सतर्कता रखनी चाहिए। उनकी जिम्मेदारी आम लोगों से अधिक है। उन्हें यह व्यवस्था करना होगा कि निर्धारित स्थल में तयशुदा संख्या से अधिक भीड़ नहीं होनी चाहिए। जो लोग आयोजन स्थल पर आते हैं, उनके लिए सैनिटाइजर, मास्क आदि की व्यवस्था हो।

उन्होंने बताया कि एम्स पटना में इलाज के लिए आने वाले मरीजों को हम मरीजों को कैब या कोविड अनुरूप व्यवहार के लिए प्रोत्साहित करते हैं, हम उन्हें बताते हैं कि कोरोना से बचने के लिए किस तरह के व्यवहार का आदत में शामिल किया जाए हम उन्हें शिक्षित करते हैं कि कैसे संक्रमण बढ़ता है तो उन्हें क्या नुकसान हो सकता है। यदि वह कोविड अनुरूप व्यवहार का पालन नहीं करेगें तो किस तरह वह अपने प्रियजनों को हमेशा के लिए खो देगें। कोविड की दूसरी लहर में इतना नुकसान देखने के बाद अब लोगों को समझ जाना चाहिए कि संक्रमण कितना गंभीर है और इससे बचने के लिए हमें हर संभव कोशिश करनी चाहिए। संक्रमण बढ़ने या घटने की संभावना के बीच हमें कोविड अनुरूप व्यवहार पर ही विश्वास करना चाहिए।”

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, रायपुर,के निदेशक डॉ. नितिन म. नागरकर ने अपने संदेश में कहा कि सरकार के अथक प्रयास और जनभागीदारी की बदौलत कुछ ही दिनों में देश में कोरोना टीकाकरण में सौ करोड़ का आंकड़ा पार कर लिया जाएगा। भारत जैसे विशाल जनसंख्या घनत्व वाले देश के लिए यह एक अहम उपलब्धि है। देश के कोने कोने में हमारे कोरोना वॉरियर ने टीका पहुंचाया। लेकिन सरकार की रणनीति और इन योद्धाओं की मेहनत तब ही कारगर होगी जब हम आने वाले कुछ महीने में और अधिक समझदारी का परिचय देगें। कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ है, कुछ राज्यों में अभी भी एक्टिव केस का प्रतिशत ज्यादा है। वैक्सीन को लोगों ने कोरोना से सुरक्षा के हथियार को अपना लिया है उन्हें भी त्योहार में विशेष एहतियात बरतनी होगी।

उन्होंने कहा कि अधिक दिन नहीं हुए जब देश ने कोरोना की दूसरी लहर का एक भयानक मंजर देखा। मुझे याद है हमारे रायपुर एम्स में मरीजों की लाइन लगी हुई थी और हम उपलब्ध संसाधनों में सभी को इलाज और ऑक्सीजन उपलब्ध कराने की भरकस कोशिश कर रहे थे। एक एक जान बचाने के लिए दिन रात ड्यूटी पर तैनात नर्स और डॉक्टर्स, वहीं मेडिकल संसाधनों की जरूरत के अनुसार आपूर्ति करने में सरकार की कोशिशें, वह सब कुछ ऐसे नहीं भुलाया जा सकता। कोरोना की दूसरी लहर में जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खोया वह अभी तक उस गम से उबर नहीं पाए है। आने वाले कुछ महीने इस संदर्भ में अति महत्वपूर्ण होने वाले हैं, कोरोना संक्रमण अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है।

उन्होंने यह भी कहा कि हमारे देश में त्योहारों को हर्षोल्लाष के साथ मनाने की परंपरा रही है, हम एक दूसरे के घर जाते हैं, समूह में अपनी खुशियों को सबके साथ साझा करते हैं, लेकिन हमें इस बात को अच्छी तरह याद रखना है कि कोरोना महामारी अभी खत्म नहीं हुई है। जिन लोगों ने कोविड की पहली या दूसरी डोज ले ली है, उन्हें भी त्योहारों में कोविड अनुरूप व्यवहार का पालन करना है। निर्धारित दूरी, मास्क का प्रयोग और नियमित रूप से हाथ धोते रहने की आदत को व्यवहार में शामिल करें, ऐसा करने से हम अपने आसपास के वातावरण को कोरोना संक्रमण से सुरक्षित रख सकते हैं।

इस संदर्भ में केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के स्वास्थ्य सचिव द्वारा सितंबर महीने में ही राज्यों को दिशा निर्देश जारी कर त्योहार के समय कोविड अनुरूप व्यवहार का पालन करने के लिए अनुचित बंदोबस्त करने के निर्देश दिए गए। सामूहिक रूप से मनाए जाने वाले त्योहार व्यक्तिगत तरीके से घर पर मनाएं जा सकते हैं, हम फोन या वीडियो कॉल के माध्यम से अपने प्रियजनों को त्योहारों की बधाइयां दे सकते हैं। रायपुर में इस बारे में लंबे समय से लोगों को जागरूक किया जा रहा है, छत्तीसगढ़ में आयोजित होने वाले पारंपरिक त्योहार पर स्वास्थ्य विभाग और सरकार की पूरी नजर है। कोरोना के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए स्वास्थ्य विभाग की मोबाइल वैन जिला स्तर पर भेजी गई जिससे गांव व हाट बाजार में भी लोग संक्रमण के प्रति जागरूक हो सकें। त्योहार पर लोगों की खुशियां बाधित न हो, इसके लिए पहले से ही सभी को कोविड अनुरूप व्यवहार का पालन करने के लिए प्रोत्साहित किया गया।
त्योहारों के मौसम में सबसे जरूरी है कि कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान गोरखपुर, के कार्यकारी निदेशके डर सुरेखा किशोर ने कहा कि त्यौहार का मौसम शुरू हो चुका है। कोरोना के दैनिक मामले भी कम दिख रहे हैं। कोरोना महामारी के मामले भले ही कम हुए हैं, लेकिन बीमारी समाप्त नहीं हुई है। ये बीमारी अभी भी चल रही है। जैसा कि हम सब जानते हैं कि कोरोना का स्ट्रेन बदल रहा है और जब भी यह बीमारी अपना स्ट्रेन बदलती है, तो महामारी का रूप धारण कर लेती है। उस समय में संक्रमितों की संख्या में बड़ी तेजी से इजाफा होने लगता है।

उन्होंने कहा कि फ़िलहाल कोरोना के मामले कम हैं। इसका मतलब यह कतई नहीं है कि बीमारी ख़त्म हो गई है। वहीं, हमारा देश त्योहारों का देश है। आने वाले समय में कई त्यौहार हैं। इस दौरान लोगों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। साथ ही लोगों को भी सतर्क और जागरुक रहने की जरूरत है। इसके लिए जब कभी घर से बाहर निकलें, तो मास्क हमेशा लगाकर रखें। मास्क का इस्तेमाल बिलकुल न छोड़ें। शारीरिक दूरी का पालन करें। साथ ही अपने हाथों को नियमित अंतराल पर सैनिटाइज करें। इसके अलावा, जब कभी समय और सुविधा मिले, तो अपने हाथों को साबुन और साफ पानी से जरूर धो लें। एक चीज का अवश्य ध्यान रखें कि त्योहारों में भीड़ इकठ्ठा न करें। घर पर ही त्योहारों को मनाएं। जितना हो सके, घर से बाहर कम से कम जाएं और बाहर स्पिटिंग (थूकना) बिल्कुल न करें। इन नियमों का पालन करने से हम सब सुरक्षित रह सकते हैं।

उन्होंने बताया कि सूक्ष्मजीवों में उत्परिवर्तन आम हैं, और वायरस में अधिक। जब कोई वायरस पुनरुत्पादित करता है, तो कुछ प्रतियों में उसकी आनुवंशिक सामग्री में कुछ संरचनात्मक परिवर्तन होते हैंय इन्हें उत्परिवर्तन कहा जाता है। ये म्यूटेंट थोड़ा अलग व्यवहार कर सकते हैं। इनमें से कुछ मौजूदा टीकों को कम प्रभावी बना सकते हैं, अन्य अधिक संक्रामक हो सकते हैं या अधिक गंभीर बीमारी का कारण बन सकते हैं। लेकिन मास्क सभी उत्परिवर्तन के खिलाफ अत्यधिक प्रभावी होते हैं, चाहे वह अल्फा, बीटा, गामा, डेल्टा या डेल्टा प्लस हो। इसलिए, घर से बाहर निकलते समय मास्क या दो सर्जिकल मास्क पहनना चाहिए। और उन्हें ठीक से पहनें, मुंह और नाक को ढकें, भीड़-भाड़ वाले इलाकों से बचें और स्वच्छता बनाए रखें।

उनका कहना है कि कोरोना की जटिलताओं और समस्याओं पर शोध अभी भी जारी है। देश और दुनिया के वैज्ञानिक इस पर काम कर रहे हैं। कोरोना वायरस की जटिलताओं को रोकने का सबसे सरल तरीका है। आप खुद को कोरोना की बीमारी होने से बचाएं और दूसरों को भी कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए प्रोत्साहित करें। साथ ही पीएम मोदी के प्रयासों को सफल बनाएं और कोरोना वैक्सीन जरूर लगवाएं। इसके लिए दोनों डोज लें। इससे कोरोना वायरस के फैलते संक्रमण को काफी हद तक कंट्रोल कर सकते हैं। इसके लिए दोनों चीजें जरूर करें।

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, देवघर, (झारखंड) के निदेशक डॉ. सौरभ वार्ष्णेय ने कहा कि कोविड के मामलों में पिछले कुछ महीनों से लगातार कमी देखी जा रही है। लेकिन आने वाले तीन महीने संक्रमण को रोकने के लिए चुनौतीपूर्ण होगें, सरकार कोरोना संक्रमण से सुरक्षा के लिए देश भर में सफलतापूर्वक कोरोना टीकाकरण कार्यक्रम का संचालन कर रही है। लेकिन प्रशासनिक तंत्र द्वारा तैयार किए गए कोरोना सुरक्षा के इस कवच को तब ही बल मिलेगा, जबकि इसमें जन भागीदारी भी शामिल होगी। त्योहार को हमें कुछ इस तरह मनाना है जिससे अपनों की सुरक्षा भी बनी रहे। निर्धारित दूरी का पालन, मास्क का प्रयोग और नियमित रूप से हाथ धोते रहने की आदत आपको ही नहीं बल्कि आपके अपनों को भी संक्रमण से सुरक्षित रखेगी।

उन्होंने कहा कि, कोरोना अभी गया नहीं है हमारे देश के कुछ राज्य जैसे महाराष्ट्र और केरल में लगातार कोरोना संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है। हमें पूर्व के अनुभवों को भूलना नहीं चाहिए। कोरोना का यदि एक भी मरीज है तो हमें समझना चाहिए कि संक्रमण का खतरा टला नहीं है। लंबे समय से लोग एक दूसरे से मिले नहीं हैं, इसलिए उत्साह का होना लाजिमी है, लेकिन इसी उत्साह में कोरोना को हमारे बीच फिर से पांव पसारने का मौका भी मिलेगा। हमारी समझदारी ही कोरोना को दोबारा बढ़ने से रोक सकती है।

उन्होंने कहा कि सरकार लंबे समय से कोविड अनुरूप व्यवहार, निर्धारित दूरी का पालन और मास्क का प्रयोग करने की अपील कर रही है, इस संदर्भ में सभी राज्यों को केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव द्वारा दिशा निर्देश भी जारी किए गए हैं। कुछ जगहों से खबरें आ रही हैं कि वैक्सीन लगवाने के बाद लोगों ने मास्क लगाना छोड़ दिया, ऐसा बिल्कुल भी नहीं करना है। वैक्सीन की पहली या दोनों डोज लगवाने के बाद भी कोविड अनुरूप व्यवहार का पालन करना है। याद रखें हमारे अपने सुरक्षित रहेगें तो हम अगले साल भी त्योहार मना सकते हैं।

उनका कहना है कि बीते डेढ़ साल ने लोगों ने संयम का बेहतर तरीके से पालन किया है, अगले कुछ समय और इसी तरह का व्यवहार करना है। खासकर ऐसे त्योहार के समय में जहां लोग उत्सव को सामूहिक रूप से इकट्टा होकर मनाते हैं या फिर सामुहिक पूजा का आयोजन किया जाता है।

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, रायबरेली के निदेशक डॉक्टर अरविंद राजवंशी ने अपनी अपील में कहा कि कोरोना महामारी के दौर में सभी ने संयम और समझदारी का परिचय दिया है। उसका नतीजा अब सामने आ रहा है। कोरोना के दैनिक मामले बेहद कम आ रहे हैं। कोरोना टीकाकरण में देश विश्व के सामने एक मॉडल प्रस्तुत कर रहा है। सौ करोड़ के जादुई आंकड़े के पास पहुंचना आसान नहीं होता है। भारत ने यह कर दिखाया है। इसके लिए सरकार की तैयारी, स्वास्थ्य सेवाओं के लोगों की कर्तव्यपरायणता और आम जनता की भागीदारी अहम रही है।

उन्होंने भी कहा कि कोरोना महामारी खत्म नहीं हुई है। इसलिए हमें खुद समझना है और दूसरे लोगों को भी समझाना है कि सरकार और व्यवस्था की एक सीमा होती है, इसलिए देश और समाज के प्रत्येक व्यक्ति को अपने कर्तव्य को समझना होगा। अभी तक सभी ने बेहतर काम किया है।

उन्होंने भी लोगों को त्योहार के मौसम में सावधानी बरतने की सलाह देते हुए कहा कि कुछ महीने और चलेंगे पर्व-त्योहार। सार्वजनिक आयोजन भी हो रहे हैं। लोगों की यात्राएं भी हो रही हैं। जीवन के लिए सभी चीजें जरूरी हैं। लेकिन सबसे अहम है अपने जीवन की रक्षा। इसके लिए जरूरी है कि कोरोना के दौरान में हम स्वास्थ्य विशेषज्ञों के बताए बातों का पालन करें। जब भी घर से निकलें, मास्क पहनें। इससे भूलना नहीं है। आपने कोरोना टीका लगा लिया है, इसका यह मतलब नहीं होता कि आप मास्क नहीं पहनेंगे। अभी मास्क पहनना अनिवार्य है। जो लोग किसी कारण से अब तक टीका नहीं लगवा पाएं हैं, उनको टीकाकरण के लिए प्रेरित करें।

उन्होंने कहा कि कोविड से बचने के लिए जल्द से जल्द टीकाकरण और कोविड अनुरूप व्यवहार का पालन करना ही बेहतर हथियार है।कोविड अनुरूप व्यवहार का पालन करने के मामले में लोग अधिक गंभीर नहीं हैं, यह बेहद दुखद है कि ग्रामीण इलाकों में आप आज भी ऐसी स्थिति देख पाएगें जहां लोग कोविड अनुरूप आदतों को नजरअंदाज करते हैं, उन्हें लगता है कि वह कोविड से संक्रमित नहीं होगें और कोरोना वायरस उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकता। लोगों के इस व्यवहार के महत्व को समझना होगा, कोविड की अगली किसी भी लहर से हम तब ही बच सकते हैं जबकि व्यापक स्तर पर कोविड का वैक्सीन लगवाया जाए और वैक्सीन लगने के बाद भी कोविड अनुरूप व्यवहार का पालन किया जाए।”

इंडिया न्यूज स्ट्रीम

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