नई दिल्ली, 3 मई | देशभर में धूम-धाम से ईद-उल-फितर का त्योहार मनाया जा रहा है। सोमवार शाम को शव्वाल का चांद दिखाई दिया। अब, रमजान के 30 रोजों के बाद ईद का त्योहार सबके चेहरों पर खुशियां लेकर आया है। सभी मस्जिदों और ईदगाहों पर ईद की नमाज पढ़ने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ा हुआ है। सभी लोग एक दूसरे को मुबारकबाद पेश कर रहे हैं और गले मिल रहे हैं। कई वर्षों बाद ऐसा मौका आया है जब दूसरे त्योहारों के साथ ईद का त्योहार भी आजादी के साथ मनाने की इजाज़त मिली है। वरना इससे पहले तो ईद उल फितर और ईद उल अज़हा पर कोरोना का साया मंडरा रहा था।
कोरोना महामारी के कारण दो साल के अंतराल के बाद मंगलवार को लोगों ने ईद-उल-फितर के मौके पर दिल्ली की प्रतिष्ठित जामा मस्जिद में नमाज अदा की। ईद-उल-फितर रमजान के इस्लामी पवित्र महीने के समाप्त होने का प्रतीक है, जिसके दौरान मुसलमान सुबह से शाम तक उपवास करते हैं। यह इस्लामिक कैलेंडर के 10वें महीने शव्वाल का पहला दिन भी है। हालांकि, चांद दिखने के बाद की तारीख पर ईद-उल-फितर मनाया जाता है।
इस मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों को मुबारकबाद दीं। तीन देशों के यूरोप दौरे पर आए मोदी ने ट्वीट कर कहा, “ईद-उल-फितर की शुभकामनाएं। यह शुभ अवसर हमारे समाज में एकता और भाईचारे की भावना को बढ़ाए। सभी के उत्तम स्वास्थ्य और समृद्धि की कामना करता हूं।”
साथ ही ट्विटर पर राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, “सभी देशवासियों, खासकर मुस्लिम भाइयों और बहनों को ईद मुबारक! रमजान के पवित्र महीने के बाद मनाया जाने वाला यह त्योहार समाज में भाईचारे और सद्भाव को मजबूत करने का एक पवित्र अवसर है।”
आइए, इस पावन अवसर पर हम सब मानवता की सेवा करने और जरूरतमंदों के जीवन को बेहतर बनाने का संकल्प लें।
ईद का त्योहार शव्वाल का चांद देखकर मनाया जाता है। शव्वाल एक अरबी कैलेंडेर के महीने का नाम है जो रमजान के महीने के बाद आता है। शव्वाल की पहली तारीख को ईद उल फितर मनाई जाती है। ईद उल फितर को मीठी ईद भी कहा जाता है। इस दिन लोगों के घरों में सेवईं या फिर खीर के साथ-साथ कई बेहतरीन पकवान बनाए जाते हैं और फिर लोग एक दूसरे के घर जाकर ईद की मुबारकबाद पेश करते हैं। ईद उल-फितर यानी मीठी ईद रमजान के रोजा की समाप्ति पर सुबह से शाम तक मनाई जाती है और महीने भर के रोजा के दौरान शक्ति और धीरज प्रदान करने के लिए अल्लाह को धन्यवाद देने के लिए मनाया जाता है।
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