यूपी, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर के विधानसभा चुनाव में जीत से बीजेपी ने कई नए रिकॉर्ड बनाए हैं जबकि आम आदमी पार्टी ने नया इतिहास रच दिया है। यूपी में साढ़े तीन दशक बाद किसी पार्टी की सरकार रिपीट हुई है। आजादी के बाद ये पहली बार होगा कि अपनी पार्टी को सत्ता में वापसी कराने वाले योगी आदित्यनाथ लगातार दूसरी बार सीएम बनेंगे।
ताजा अपडेट के मुताबिक यूपी में भाजपा को 250 सीटें एवं सपा को 118 मिल रही हैं वहीं उत्तराखंड में भाजपा को 47 एवं कांग्रेस को 19, गोवा में भाजपा को 20 एवं कांग्रेस को 11, पंजाब में AAP को 92 एवं कांग्रेस को 18 सीटें एवं मणिपुर में भाजपा को 31 एवं जदयू को 6 सीटें मिल रही हैं। अभी अंतिम परिणाम घोषित नहीं हुए हैं।
आम आदमी पार्टी (AAP) ऐसी पहली क्षेत्रीय पार्टी बन गई है, जो एक राज्य से आगे बढ़कर दूसरे राज्य यानी दिल्ली से आगे बढ़कर पंजाब में सरकार बनाएगी। इससे एक और संकेत मिलते हैं कि कांग्रेस जहां-जहां नीचे की ओर जा रही है, वहां आम आदमी पार्टी उभर रही है।
केंद्र की सियासत में भी इस चुनाव के नतीजों का असर दिखेगा। राष्ट्रपति चुनाव के लिहाज से अभी बीजेपी नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के पास विधायकों की संख्या सबसे ज्यादा है। ऐसे में राष्ट्रपति चुनाव पर भी बीजेपी का असर रहेगा। बीजेपी जिसे प्रत्याशी बनाएगी, उसकी जीत तय मानी जा रही है।
इस साल के आखिर में हिमाचल प्रदेश की 68 और गुजरात की 182 सीटों पर चुनाव होंगे। यूपी, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर विधानसभा चुनाव में जीत से बीजेपी को इन राज्यों में आक्रामक प्रचार का मौका मिलेगा। 2023 में कर्नाटक की 225, राजस्थान की 200, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, मेघालय, त्रिपुरा, नगालैंड और तेलंगाना में चुनाव होंगे, जिसका सीधा लाभ भाजपा को मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। बीजेपी के रणनीतिकारों को पता है कि लोगों में तमाम मुद्दों पर नाराजगी है लेकिन उनके पास मजबूत विकल्प न होने से बीजेपी के लिए राह आसान है।
पंजाब को छोड़कर चार राज्यों में मिली जीत से बीजेपी को लोकसभा चुनाव के लिए भी मनोवैज्ञानिक बढ़त मिल जाएगी। चुनावों की संवेदनशीलता के चलते अभी कई मुद्दों पर केंद्र सरकार कड़े फैसले नहीं ले पा रही है। विधानसभा चुनावों में मिली जीत से विनिवेश की रफ्तार तेज हो सकती है। बीजेपी को यह धारणा बनाने में भी सफलता मिली है कि विपक्ष नेशनल मुद़्दों पर लोगों को भ्रमित करने की कोशिश में लगा रहता है।
पंजाब चुनाव में जीत के बाद AAP को बीजेपी के विकल्प के तौर पर देखा जा सकता है। इस चुनाव में सबसे अधिक झटका कांग्रेस को लगा है। पांच साल की सत्ता विरोधी लहर के बाद भी कांग्रेस उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा में सरकार नहीं बना पाई। पंजाब में जहां जीतने संभावना थी, आपसी गुटबाजी के कारण वह कुछ नहीं कर पाई और सत्ता आम आम आदमी पार्टी ले गई। हालांकि आम आदमी पार्टी पंजाब में लंबे समय से काम कर रही है। 2017 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने की उम्मीद थी, लेकिन तब कांग्रेस की जीत हुई थी।
यूपी किला फतेह के बाद योगी आदित्यनाथ भाजपा में पूरी तरह से स्थापित हो गए। मोदी और अमित शाह के बाद तीसरे नंबर के सबसे बड़े नेता बन जाएंगे। आजादी के बाद योगी ऐसे पहले नेता होंगे, जिन्हें यूपी में सरकार रिपीट कराने के बाद दूसरी बार सीएम बनने का मौका मिलेगा। गुजरात मॉडल की तरह बीजेपी यूपी मॉडल का भी देशभर में प्रचार कर सकती है। खासतौर पर उन राज्यों में जहां बीजेपी कमजोर है, वहां बीजेपी के पक्ष में माहौल बनाया जा सकता है।
अप्रैल से एक अगस्त के बीच राज्यसभा की 70 सीटों के लिए चुनाव होंगे। इसमें बीजेपी को पांच सीटों का नुकसान हो रहा था, लेकिन उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड में सरकार बनने से इस नुकसान की कुछ हद तक भरपाई हो सकती है। इसमें से यूपी की 11, पंजाब की सात और उत्तराखंड की एक सीट पर चुनाव होंगे। पार्टी को यूपी और उत्तराखंड से दो से तीन सीटें बढ़ सकती है। वहीं पंजाब में AAP की सरकार बनने से पार्टी को राज्यसभा में 6 सीटों का फायदा हो सकता है। फिलहाल राज्यसभा में AAP के पास तीन सीटें हैं।
अब इस जीत से पश्चिम बंगाल की हार से बीजेपी उबर जाएगी। अब यह धारणा बनेगी कि बीजेपी को हराना मुश्किल होगा। अन्य राज्यों में बीजेपी को इसका फायदा मिलेगा। फोकस अब अरविंद केजरीवाल पर शिफ्ट होगा। AAP ऐसी पहली क्षेत्रीय पार्टी है, जो एक राज्य से निकलकर दूसरे राज्य में सरकार बनाएगी। कांग्रेस जहां-जहां नीचे जा रही है, वहां आम आदमी पार्टी उभर रही है। बीजेपी के विकल्प के तौर पर भविष्य में आम आदमी पार्टी को देखा जा सकता है। इस चुनाव में सबसे अधिक झटका कांग्रेस को लगा है। पांच साल के सत्ता विरोधी लहर के बाद भी कांग्रेस उत्तराखंड, मणिपुर, गोवा में सरकार नहीं बना पाई। साथ ही पंजाब में जहां जीतने संभावना थी, वहां भी कुछ नहीं कर पाई।