नई दिल्ली । भारत लार्ज लैंग्वेज मॉडल (एलएलएम) अपनाने के मामले में दुनिया का सबसे बड़ा और एक्टिव बाजार बन गया है। यह जानकारी बैंक ऑफ अमेरिका (बोफा) की ओर से बुधवार को दी गई।
देश में चैटजीपीटी, जैमिनी और पर्प्लेक्सिटी जैसे एआई ऐप पर मासिक एक्टिव यूजर्स (एमएयू) और डेली एक्टिव यूजर्स (डीएयू) की संख्या दुनिया में सबसे अधिक है।
वोफा ने कहा कि भारत का एक प्रमुख एआई बाजार के रूप में तेजी से उभरना व्यापकता, किफायती उपलब्धता और जनसांख्यिकी के संयोजन से प्रेरित है।
भारत में दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी ऑनलाइन आबादी है, जिसमें 700-750 मिलियन से अधिक मोबाइल इंटरनेट यूजर्स हैं।
किफायती डेटा प्लान ने एआई तक पहुंच को आसान बना दिया है, जिससे यूजर्स लगभग 2 डॉलर में प्रति माह 20-30 जीबी डेटा का उपयोग कर सकते हैं।
इसके अलावा, भारत में इंटरनेट इस्तेमाल करने वालों में से 60 प्रतिशत से अधिक 35 वर्ष से कम आयु के हैं और इस आबादी का एक बड़ा हिस्सा अंग्रेजी बोलने वाला है और नई तकनीकों को तेजी से अपनाता है।
भारत में दूरसंचार कंपनियों द्वारा भी एआई को अपनाने को बढ़ावा दिया जा रहा है। बोफा ने बताया कि जियो और भारती एयरटेल जैसी दूरसंचार कंपनियां जेमिनी और परप्लेक्सिटी जैसे एआई ऐप्स के सशुल्क संस्करणों की मुफ्त सदस्यता प्रदान कर रही हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, इससे उपयोगकर्ताओं, एआई कंपनियों और दूरसंचार ऑपरेटरों के लिए लाभकारी स्थिति बन रही है।
उपभोक्ताओं के लिए, कम लागत पर उन्नत एआई उपकरणों तक पहुंच एक समान अवसर प्रदान करने में सहायक हो रही है।
भारतीय उपयोगकर्ता इन उपकरणों का उपयोग सीखने के परिणामों को बेहतर बनाने और उत्पादकता बढ़ाने के लिए कर रहे हैं।
बोफा ने रिपोर्ट में बताया कि कई भारतीय भाषाओं में एआई मॉडल की उपलब्धता डिजिटल विभाजन को पाटने और भाषा संबंधी बाधाओं को कम करने में भी सहायक हो रही है, जिससे एआई का लोकतंत्रीकरण हो रहा है।
–आईएएनएस











