कौशल विकास और उद्यमशीलता तथा इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने गोंडा, वाराणसी, सहारनपुर और मुरादाबाद में आधार सेवा केंद्रों का उद्घाटन किया। इस अवसर पर, चंद्रशेखर ने सभी लोगों को बधाई दी और कहा कि यह सार्वजनिक सेवा पूर्णतया निवासियों के लिए समर्पित है। उन्होंने डिजिटल इंडिया पर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण के बारे में बात की, जो भारत जैसे विकासशील देश में प्रौद्योगिकी को प्राप्त करने के लिए 3 व्यापक परिणाम प्रदान करता है। नागरिकों का जीवन परिवर्तित करने के लिए प्रौद्योगिकी । आर्थिक अवसरों का विस्तार करना । कुछ नियत प्रौद्योगिकियों में महत्वपूर्ण क्षमताएं सृजित करना। उन्होंने 80 के दशक में भारत के पूर्व प्रधान मंत्री की इस टिप्पणी को उद्धृत किया कि 100 पैसे के लाभ में से केवल 15 पैसे ही वास्तविक लाभार्थी तक पहुंचते हैं। डिजिटल इंडिया को धन्यवाद, जिससे लाभार्थियों को प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के जरिए 100 फिसदी सभी लाभ पहुंच रहे हैं। उन्होंने इस परिवर्तन की सफलता का श्रेय, आधार के उपयोग द्वारा प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग संबंधी प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के विज़न को दिया, जिसने सिस्टम से सभी लीकेज को समाप्त कर दिया, बिचौलियों को हटाकर भ्रष्टाचार को रोका।
बाद में उन्होंने कहा कि आधार और डीबीटी के उपयोग के कारण सरकारी खजाने में अनुमानित रूप से 1.78 लाख करोड़ रुपए (मार्च 2020 तक; डीबीटी मिशन, मंत्रिमंडल सचिवालय के अनुसार) की बचत हुई है, जो मुख्य रूप से जाली और नकली लाभार्थियों की छंटाई के परिणामस्वरूप है। केवल उत्तर प्रदेश में, लगभग 2,74,934 करोड़ रुपए (संचयी) के लाभ सीधे लाभार्थियों के खातों में स्थानांतरित किए गए हैं। आधार के द्वारा प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के माध्यम से लगभग 15 करोड़ लोग (उत्तर प्रदेश में) राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के तहत लाभान्वित हुए हैं। मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि आधार न केवल दुनिया का सबसे बड़ा डिजिटल पहचान कार्यक्रम है, बल्कि लोगों को उनकी हकदारी सुरक्षित करने के द्वारा उनको सशक्त बनाने का एक उपकरण भी है।