वाशिंगटन । पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 120 इलेक्टोरल कॉलेज वोट्स और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने 99 वोट्स प्राप्त किए हैं। ये जानकारी एसोसिएटेड प्रेस के अनुसार है, जो रात 9 बजे (ईस्टर्न समय) पर वोटिंग समाप्त होने के बाद दी गई।
ये शुरुआती नतीजे उन राज्यों के हैं, जो परंपरागत रूप से या तो डेमोक्रेट्स या रिपब्लिकन के पक्ष में वोट देते रहे हैं। इसमें सात अहम ‘बैटलग्राउंड स्टेट्स’ शामिल नहीं हैं, जहां नतीजे चौंकाने वाले हो सकते हैं।
एसोसिएटेड प्रेस के अनुसार, ट्रम्प केंटकी, इंडियाना, वेस्ट वर्जीनिया, साउथ कैरोलिना, फ्लोरिडा, ओक्लाहोमा, अलबामा, टेनेसी, मिसौरी, नॉर्थ डकोटा, साउथ डकोटा, वायोमिंग और लुइसियाना में जीत की ओर हैं। वहीं, हैरिस के लिए वर्मोंट, मैसाचुसेट्स, मैरीलैंड, रोड आइलैंड, कनेक्टिकट, इलिनॉय और न्यूयॉर्क में जीत का अनुमान लगाया गया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव जीतने के लिए 538 इलेक्टोरल कॉलेज वोट्स में से 270 से अधिक वोट की जरूरत होती है।
इस चुनाव का नतीजा मुख्य रूप से सात बैटलग्राउंड स्टेट्स – नॉर्थ कैरोलिना, पेंसिल्वेनिया, विस्कॉन्सिन, मिशिगन, जॉर्जिया, एरिजोना और नेवाडा – पर निर्भर करेगा।
ये भविष्यवाणियां मतदान समाप्त होते ही आई हैं, खासकर जॉर्जिया जैसे राज्यों से, जो 2024 के राष्ट्रपति चुनाव का भविष्य तय करेंगे।
ये अनुमान इन राज्यों के इतिहास और शुरुआती रुझानों पर आधारित हैं, जिनमें आगे ज्यादा बदलाव की उम्मीद नहीं है।
इसके अलावा, 8.2 करोड़ से अधिक अमेरिकी मतदाता पहले ही वोट डाल चुके हैं, जिसमें इन-पर्सन और पोस्टल वोटिंग शामिल है। ये संख्या 2020 के कुल 15.8 करोड़ वोट के 51 प्रतिशत से अधिक है।
हैरिस और ट्रम्प ने अपने प्रचार अभियान का अंत पेंसिल्वेनिया और मिशिगन में किया, जो दोनों ही बैटलग्राउंड स्टेट्स हैं। कुल मिलाकर, सात ऐसे बैटलग्राउंड स्टेट्स हैं, जो 2024 के व्हाइट हाउस का नतीजा तय करेंगे। इन राज्यों का वोट कभी डेमोक्रेटिक तो कभी रिपब्लिकन के पक्ष में जा सकता है, इसलिए इन्हें ‘स्विंग स्टेट्स’ भी कहा जाता है।
–आईएएनएस