रियाद । विदेश मंत्री एस. जयशंकर सोमवार को सऊदी अरब के रियाद में भारत-खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) के विदेश मंत्रियों की पहली बैठक में हिस्सा लेंगे। यह बैठक परिषद की 161वीं मंत्रिस्तरीय बैठक से इतर होगी।
मंत्रिस्तरीय परिषद की बैठक की अध्यक्षता कतर के प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री मोहम्मद बिन अब्दुल रहमान बिन जसीम अल थानी करेंगे, जो मंत्रिस्तरीय परिषद के वर्तमान सत्र के अध्यक्ष हैं।
जीसीसी महासचिवालय के मुख्यालय में आयोजित होने वाली मंत्रिस्तरीय बैठक में जीसीसी देशों के विदेश मंत्री हिस्सा लेंगे।
भारत के अलावा, जीसीसी सहयोग परिषद रूस और ब्राजील के साथ भी रणनीतिक वार्ता करेगी, जिसमें रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और ब्राजील के विदेश मंत्री माउरो विएरा भी हिस्सा लेंगे।
खाड़ी के अरब देशों के लिए सहयोग परिषद के महासचिव जसीम मोहम्मद अल बुदैवी ने इस बात पर जोर दिया कि जीसीसी मंत्रिस्तरीय परिषद दिसंबर 2023 में दोहा में आयोजित 44वें शिखर सम्मेलन के दौरान जीसीसी की सर्वोच्च परिषद द्वारा लिए गए निर्णयों के कार्यान्वयन के संबंध में कई रिपोर्टों पर चर्चा करेगी।
परिषद मंत्रिस्तरीय और तकनीकी समितियों और सामान्य सचिवालय द्वारा प्रस्तुत ज्ञापनों और रिपोर्टों के साथ-साथ जीसीसी देशों और विभिन्न देशों तथा वैश्विक ब्लॉकों के बीच संवाद और रणनीतिक संबंधों से संबंधित विषयों की भी समीक्षा करेगी।
इस क्षेत्र को प्रभावित करने वाले नवीनतम क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय घटनाक्रमों पर भी चर्चा की जाएगी।
महासचिव कार्यालय द्वारा रविवार को जारी एक बयान में कहा गया, “रूसी, भारतीय और ब्राजील के प्रतिनिधिमंडलों के साथ संयुक्त बैठकें जीसीसी देशों की सहयोग के लिए नए क्षितिज तलाशने और खोलने की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं। इन बैठकों का उद्देश्य दुनिया भर के देशों और संगठनों के साथ रणनीतिक संबंधों को मजबूत करना है। विभिन्न क्षेत्रों में कई विषयों पर चर्चा की जाएगी जो दोनों पक्षों के साझा हितों की पूर्ति करते हैं और उनके लोगों के लिए लाभकारी हैं।”
इससे पहले, तीन देशों की यात्रा के पहले चरण में रविवार सुबह रियाद पहुंचे विदेश मंत्री जयशंकर का सऊदी अरब के प्रोटोकॉल मामलों के उप मंत्री अब्दुल मजीद अल स्मारी ने स्वागत किया।
वह जीसीसी सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों के साथ कई द्विपक्षीय बैठकें करेंगे।
विदेश मंत्रालय ने शनिवार को एक बयान में कहा, “भारत और जीसीसी के बीच राजनीतिक, व्यापार और निवेश, ऊर्जा सहयोग, सांस्कृतिक और लोगों के बीच संबंधों सहित कई क्षेत्रों में गहरे और बहुआयामी संबंध हैं। जीसीसी क्षेत्र भारत के लिए एक प्रमुख व्यापारिक साझेदार के रूप में उभरा है और यहां लगभग 89 लाख भारतीय प्रवासी समुदाय रहता है। विदेश मंत्रियों की बैठक भारत और जीसीसी के बीच विभिन्न क्षेत्रों में संस्थागत सहयोग की समीक्षा करने और उसे गहरा करने का एक अवसर होगा।”
रियाद में अपना दौरा समाप्त करने के बाद जयशंकर 10 सितंबर से बर्लिन की दो दिवसीय यात्रा पर जाएंगे, जो जर्मनी की उनकी तीसरी द्विपक्षीय यात्रा होगी।
इसके बाद विदेश मंत्री अपने दौरे के अंतिम चरण में जिनेवा जाएंगे, जहां बड़ी संख्या में संयुक्त राष्ट्र निकाय और अंतर्राष्ट्रीय संगठन स्थित हैं।
विदेश मंत्रालय ने बताया, “अपनी स्विट्जरलैंड यात्रा के दौरान जयशंकर उन अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रमुखों और प्रतिनिधियों से मुलाकात करेंगे, जिनके साथ भारत सक्रिय रूप से जुड़ा हुआ है। विदेश मंत्री दोनों देशों के बीच घनिष्ठ साझेदारी की समीक्षा करने और द्विपक्षीय संबंधों को और बढ़ाने के अवसरों का पता लगाने के लिए स्विट्जरलैंड के विदेश मंत्री से भी मुलाकात करेंगे।”
–आईएएनएस