कोलकाता:तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेता अनुब्रत मंडल को शुक्रवार को दोहरा झटका तब लगा, जब सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव के बाद हिंसा के एक मामले में उन्हें गिरफ्तारी से मिली सुरक्षा वापस ले ली। साथ ही आसनसोल की विशेष सीबीआई अदालत ने उनकी न्यायिक हिरासत बढ़ा दी है, जो करोड़ों रुपये के पशु तस्करी मामले में उनकी कथित संलिप्तता के लिए 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में हैं। शीर्ष अदालत ने कहा कि, मंडल पहले से ही एक अलग मामले में न्यायिक हिरासत में है। शीर्ष अदालत ने मामले में शीघ्र सुनवाई के लिए कलकत्ता उच्च न्यायालय को भी निर्देश दिया।
बाद में, आसनसोल में विशेष सीबीआई अदालत में कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम द्वारा मंडल पर हाल की एक टिप्पणी सीबीआई के वकील कालीचरण मिश्रा के लिए मंडल की जमानत याचिका का विरोध करते हुए मंडल के खिलाफ प्रभावशाली सिद्धांत स्थापित करने में काम आई।
तृणमूल के वरिष्ठ नेता और राज्य के मंत्री हाकिम ने हाल ही में बीरभूम में एक जनसभा में दावा किया था कि मंडल जैसे बाघ को लंबे समय तक पिंजरे में नहीं रखा जा सकता है।
हकीम ने कहा था, एक बार जब बाघ पिंजरे से बाहर आ जाएगा तो गीदड़ छिप जाएंगे।
हकीम के सार्वजनिक बयान का हवाला देते हुए सीबीआई के वकील ने मंडल के खिलाफ ‘प्रभावशाली’ सिद्धांत स्थापित करने की कोशिश की।
मिश्रा ने दावा किया, मंत्री की टिप्पणी साबित करती है कि अनुब्रत मंडल कितने प्रभावशाली हैं। पहले से ही गवाहों को धमकाने की कोशिश की जा रही है।
उन्होंने अदालत को यह भी बताया कि सीबीआई ने मंडल, उनके परिवार के सदस्यों और करीबी सहयोगियों के नाम पर करोड़ों रुपये की संपत्ति का पता लगाया है।
मंडल के वकील ने सवाल किया कि सीबीआई इस तरह की संपत्तियों से संबंधित मामले की जांच क्यों कर रही है, जबकि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को वित्तीय अनियमितताओं की जांच करनी है।
अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद मंडल की न्यायिक हिरासत 14 दिन और बढ़ा दी। उसे अगली 25 नवंबर को उसी अदालत में पेश किया जाएगा।
–आईएएनएस