नई दिल्ली । भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम की औपचारिक घोषणा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में एक अत्यंत महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता की। इसमें रक्षा मंत्री, विदेश मंत्री, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और तीनों सेनाओं के प्रमुख मौजूद रहे।
भारत ने अपनी शर्तों पर संघर्ष विराम की सहमति दी थी। संघर्ष विराम की घोषणा के बाद पीएम मोदी ने पूरी स्थिति का आकलन किया। प्रधानमंत्री आवास पर हुई इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए.पी. सिंह, थल सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी और नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी शामिल रहे।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के जवाब में भारत ने 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया था। इस ऑपरेशन के दौरान पाकिस्तान और पीओके में मौजूद नौ आतंकवादी ठिकानों को भारतीय सेना ने ध्वस्त कर दिया। वहीं इसके जवाब में पाकिस्तान की ओर से किए गए वार को भी भारत ने नाकाम किया। पाकिस्तान के कई लॉन्चिंग पैड पूरी तरह ध्वस्त कर दिए गए। ठोस और सटीक कार्रवाई करते हुए भारत आम लोगों को नुकसान न पहुंचाने की अपनी प्रतिबद्धता पर कायम रहा।
बुरी तरह विफल रहने पर पाकिस्तान ने शनिवार को युद्धविराम की गुहार लगाई थी। पाकिस्तान के डीजीएमओ (डायरेक्टर जनरल मिलिट्री ऑपरेशन्स) की तरफ से इसके लिए पहल की गई। हालांकि रात आठ बजते-बजते पाकिस्तान ने सीजफायर का उल्लंघन कर दिया और जम्मू-कश्मीर के कई शहरों पर ड्रोन हमले किए।
सेना ने कहा था कि संघर्ष विराम से पहले की गई जवाबी कार्रवाई में भारत ने पाकिस्तान के एयर डिफेंस सिस्टम और रडार सिस्टम को नष्ट कर दिया। इसके अलावा एलओसी के पास पाकिस्तान के कमांड और कंट्रोल, सैन्य ढांचा और सैन्यकर्मियों को काफी नुकसान पहुंचा और पाकिस्तान को बड़ा नुकसान हुआ, उसकी सुरक्षा और हमला करने की क्षमता नष्ट हो गई।
–आईएएनएस