नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि 2014 से पहले ‘कमजोर पांच’ अर्थव्यवस्था वाले देश से भारत पिछले एक दशक में सरकार द्वारा किए गए विभिन्न क्षेत्रों के सुधारों के कारण दुनिया की शीर्ष पांच अर्थव्यवस्थाओं में से एक के रूप में उभरा है।
बैंकिंग क्षेत्र में हुए सुधारों की सराहना करते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कार्यकाल में बैंकों का राष्ट्रीयकरण इस तर्क के साथ किया गया था कि बैंकिंग को गरीबों तक पहुंचना चाहिए। लेकिन, बैंक गरीबों से दूर होते गए।
एनडीटीवी वर्ल्ड समिट 2025 को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “2014 में जब हम सत्ता में आए, तब भारत की आधी आबादी के पास बैंक खाता नहीं था। हमने बैंकिंग प्रणाली का लोकतंत्रीकरण किया और मिशन मोड में 50 करोड़ से ज्यादा जन-धन खाते खोले। हम बैंकिंग क्षेत्र में सुधार लाए।”
उन्होंने कहा कि डिजिटल लेनदेन ने भारत को वित्त के मामले में सबसे समावेशी देशों में से एक बना दिया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने आयकर और जीएसटी सुधारों की सराहना करते हुए कहा कि इन सुधारों से 2.5 लाख करोड़ रुपए की बचत सुनिश्चित है। जीएसटी की वजह से त्योहारी सीजन में बिक्री ने पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। जीएसटी सुधारों से कीमतें कम हुई हैं, ऋण प्रवाह सुचारू हुआ है, कर व्युत्क्रमण संबंधी मुद्दों का समाधान हुआ है और विवादों में कमी आई है, जिससे अंततः उत्पादकों और उपभोक्ताओं दोनों के लिए लागत में कमी आई है।
प्रधानमंत्री मोदी ने सरकारी कंपनी बीएसएनएल के बदलाव की तारीफ की। उन्होंने कहा कि भारत उन टॉप 5 देशों में शामिल है, जिनके पास अपनी 4जी तकनीक है। इस स्वदेशी 4जी तकनीक, जिसे भारत टेलीकॉम स्टैक कहा जाता है, को बीएसएनएल के लगभग 1 लाख टावरों पर इस्तेमाल किया गया है। इससे ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में इंटरनेट कनेक्टिविटी बेहतर हुई है और ब्रॉडबैंड का दायरा बढ़ा है। यह तकनीक अब वैश्विक निर्यात के लिए भी तैयार है।
पीएम मोदी ने यूपीआई की सफलता का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि भारत ने सबको गलत साबित किया और आज दुनिया के 50% डिजिटल लेनदेन भारत में होते हैं। यूपीआई ने वैश्विक डिजिटल भुगतान बाजार में अपनी मजबूत जगह बनाई है।
–आईएएनएस