बिलासपुर । हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर से सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने श्री नैना देवी विधानसभा क्षेत्र के स्वारघाट में भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने प्रदेश सरकार पर जमकर निशाना साधा।
उन्होंने सरकार की आपदा प्रबंधन नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर सरकार प्रभावितों को त्रिपाल जैसी बुनियादी सुविधा भी मुहैया नहीं करवा पा रही, तो इससे ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण कुछ नहीं हो सकता।
उन्होंने आगे कहा कि बिलासपुर जिले में भूस्खलन से करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है, जो अत्यंत दुखद और असहनीय है।
उन्होंने प्रशासन की लापरवाही पर सवाल उठाते हुए कहा कि आपदा के समय लोगों के घरों और जमीन की सुरक्षा के लिए हर संभव प्रयास किए जाने चाहिए। लेकिन जिला प्रशासन ने 50-60 प्रभावित परिवारों की जरूरत के बावजूद केवल 30 तिरपाल ही उपलब्ध कराए। एक त्रिपाल से न तो घर की सुरक्षा हो सकती है, न जमीन की और न ही शौचालयों की। आपदा के समय लोग अपने घर छोड़कर स्कूलों या रिश्तेदारों के यहां शरण लेने को मजबूर हैं। यह उनके लिए बेहद दुखद स्थिति है।
अनुराग ठाकुर ने जिला प्रशासन की कार्यशैली पर नाराजगी जताते हुए कहा कि प्रभावितों को केवल एक-एक तिरपाल देकर प्रशासन ने अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया, वह भी गिनती के लोगों को। हर परिवार के लिए एक तिरपाल घरों की सुरक्षा कैसे कर सकता है?
सांसद ने ग्रामीण क्षेत्रों में पालतू पशुओं के रखरखाव की समस्या को भी प्रमुखता से उठाया। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों के लिए अपने पशुओं को सुरक्षित रखना और उनके लिए चारे-पानी की व्यवस्था करना एक बड़ी चुनौती है। सरकार और जिला प्रशासन को इस तरफ भी ध्यान देना चाहिए।
अनुराग ठाकुर ने स्थानीय विधायक रणधीर शर्मा के साथ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और मौके पर मौजूद अधिकारियों को निर्देश दिए कि जहां-जहां ज्यादा नुकसान हुआ है, वहां हर संभव सहायता प्रदान की जाए।
उन्होंने सरकार से मांग की कि आपदा प्रभावितों को तत्काल राहत और पुनर्वास के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। आपदा की इस घड़ी में सरकार और प्रशासन को संवेदनशीलता के साथ काम करना चाहिए, ताकि प्रभावित परिवारों को समय पर सहायता मिल सके और उनकी मुश्किलें कम हो सकें।
–आईएएनएस