नई दिल्ली । क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी सस्टेनेबिलिटी रैंकिंग जारी हो गई है। लंदन से प्रकाशित होने वाली इस रैंकिंग में आईआईटी दिल्ली भारत का सर्वश्रेष्ठ संस्थान चुना गया। भारत के दूसरे और तीसरे सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय में भी आईआईटी संस्थान ही शामिल हैं। दूसरे स्थान पर आईआईटी बॉम्बे है, जबकि आईआईटी खड़गपुर ने भारतीय विश्वविद्यालयों में तीसरा स्थान हासिल किया है।
बता दें कि इस वर्ष 100 से अधिक भारतीय विश्वविद्यालय इस रैंकिंग में शामिल हैं। इस वर्ष की रैंकिंग में 9 भारतीय विश्वविद्यालयों ने टॉप 700 विश्वविद्यालयों में स्थान प्राप्त किया है। बेहतर प्रदर्शन करने वाले भारतीय विश्वविद्यालयों में आईआईटी रुड़की, वेल्लोर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, काशी हिंदू विश्वविद्यालय, लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी, पंजाब विश्वविद्यालय, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (राउरकेला), और आईआईटी-बीएचयू शामिल हैं। विश्व भर में सबसे बेहतरीन प्रदर्शन स्वीडन की लुंड यूनिवर्सिटी का रहा है। क्यूएस रैंकिंग के अनुसार इस विश्वविद्यालय ने विश्व भर के विश्वविद्यालयों में अव्वल स्थान प्राप्त किया है।
भारत की बात की जाए तो 100 से अधिक भारतीय विश्वविद्यालय इस रैंकिंग में शामिल हैं। क्यूएस के मुताबिक, भारत के 32 विश्वविद्यालयों ने इस वर्ष अपनी रैंकिंग को बीते वर्ष के मुकाबले बेहतर किया है। पूरे भारत में आईआईटी दिल्ली सबसे बेहतर संस्थान रहा व इस रैंकिंग के हिसाब से भारतीय संस्थानों में टॉप पर है। इससे पहले बीते दिनों क्यूएस एशिया यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2026 जारी की गई थी। इस वैश्विक रैंकिंग में भी आईआईटी दिल्ली का प्रदर्शन शानदार रहा था। क्यूएस एशिया यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2026 में आईआईटी दिल्ली भारत का टॉप संस्थान रहा था।
भारत के कुल 7 उच्च शिक्षण संस्थानों ने क्यूएस एशिया यूनिवर्सिटी रैंकिंग के टॉप 100 में अपनी जगह बनाई थी। इनमें दिल्ली विश्वविद्यालय भी शामिल है। वहीं 20 भारतीय शिक्षण संस्थान टॉप 200 में शामिल थे। 66 भारतीय संस्थान ऐसे थे जिन्होंने टॉप 500 में अपनी जगह बनाई।
वहीं, इस रैंकिंग में कुल भारतीय संस्थानों की मौजूदगी की बात करें तो इस साल कुल 294 भारतीय उच्च शिक्षण संस्थान इस रैंकिंग में शामिल हुए थे। क्यूएस एशिया यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2026 में शामिल टॉप 10 भारतीय संस्थानों में शामिल पांच आईआईटी संस्थान हैं। हालांकि, भारत के कुछ शीर्ष संस्थानों ने इस साल रैंकिंग में कुछ गिरावट भी देखी है।
मुख्य तौर पर ‘साइटेशन प्रति पेपर’, ‘फैकल्टी-स्टूडेंट अनुपात’, और ‘अंतरराष्ट्रीयकरण’ जैसे मापदंडों में सुधार की जरूरत बताई गई है। आईआईटी दिल्ली इस बार एशिया में 59वें स्थान पर रही, और भारतीय संस्थानों में पहले स्थान पर बनी। इसके पीछे मुख्य कारण फैकल्टी का उच्च शैक्षणिक स्तर, वैज्ञानिक प्रिंट (पेपर) की संख्या, तथा नियोक्ता प्रतिष्ठा हैं। वहीं इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस यानी आईआईएससी, आईआईटी मद्रास, आईआईटी बॉम्बे, आईआईटी कानपुर, आईआईटी खड़गपुर व दिल्ली विश्वविद्यालय भी टॉप 100 में शामिल थे।
–आईएएनएस











