भारत के विकेटकीपर-बल्लेबाज दिनेश कार्तिक की कहानी यूं तो शुरू हुई थी किसी परीकथा की तरह. लेकिन करियर आगे बढ़ा तो उनकी कहानी में दुख भी आया, फरेब भी मिला. दोस्त और पत्नी ने उनके साथ छल किया और फिर उनका क्रिकेट करियर ही दांव पर लग गया था लेकिन फिर वे फिनिक्स की तरह उठे और कामयाबी की नई दास्तान लिखी. साल 2004, दिनेश कार्तिक नाम के युवा विकेटकीपर ने भारतीय क्रिकेट टीम में पदार्पण किया था. उनके सपनों को मानो पंख लग गए थे. किसी भी क्रिकेटर के लिए राष्ट्रीय टीम में जगह बनानी सपना होता है और दिनेश कार्तिक का यह सपना उनकी आंखों से निकल कर हकीकत में तबदील हो गया था. सपनों को पंख लगे तो तीन साल बाद 2007 में अपनी बचपन की दोस्त निकिता वंजारा से दिनेश ने शादी कर ली. यहां तक तो सब कुछ ठीक था. दिनेश और निकिता अपनी शादीशुदा जिंदगी में खुश थे. दिनेश रणजी ट्रॉफी में तमिलनाडु टीम के कप्तान बना दिए गए थे. उनके अजीज दोस्त थे टीम के ओपनर मुरली विजय. बाद में मुरली विजय भी भारतीय टीम का हिस्सा बने.
मुरली विजय की मुकालात एक दिन निकिता यानी दिनेश की पत्नी से हुई. इस मुलाकात के बाद ही शुरू हुई फरेब और विश्वासघात की कहानी. मुरली पहली नजर में ही निकिता पर आशिक हो गए.
दिनेश कार्तिक को इसकी भनक तक नहीं लगी. शादीशुदा निकिता ने मुरली में पता नहीं क्या देखा कि वे भी उन्हें पसंद करने लगी. धीरे-धीरे आप से तुम और फिर तू के उनवां दोनों हो गए. मुरली और निकिता के बीच नजदीकियां बढ़ीं. दोनों का अफेयर शुरू हो गया. दोनों खुलकर मिलने लगे. तमिलनाडु की पूरी टीम को पता था कि मुरली विजय अपने कप्तान दिनेश की पत्नी निकिता के साथ इश्क लड़ा रहे हैं. लेकिन पता नहीं था तो सिर्फ दिनेश को. उन्होंने तो इसकी कल्पना भी नहीं की थी कि दोस्त और पत्नी उनके साथ धोखा भी करेंगे.
निकिता 2012 में गर्भवती हो गईं. दिनेश खुश थे लेकिन निकिता ने दिनेश को बताया कि यह बच्चा उनका नहीं मुरली विजय का है. दिनेश को मानो सकता लग गया. दिनेश कार्तिक टूट गए. उन्होंने निकिता से तलाक ले लिया. तलाक के अगले ही दिन निकिता ने मुरली विजय से शादी कर ली और महज तीन महीने बाद उन्हें बच्चा हुआ. इस फरेब से दिनेश बेतर आहत हुए और वे डिप्रेशन में चले गए. वे मानसिक बीमार रहने लगे और बेतरह शराब पीने लगे. उन्हें भारतीय टीम से बाहर कर दिया गया. रणजी ट्रॉफी में भी वे नाकाम हो रहे थे.
फिर तमिलनाडु टीम की कप्तानी भी उनसे छीन ली गई और मुरली विजय को ही नया कप्तान बनाया गया. नाकामी का यह सिलसिला यहीं नहीं थम., उन्हें आईपीएल में भी अंतिम ग्यारह में जगह नहीं मिली. उन्होंने जिम जाना भी छोड़ दिया. दिनेश इतना मायूस हो गए थे कि आत्महत्या कर लेने तक की बात करने लगे. फिर एक दिन उनके जिम ट्रेनर उनके घर पहुंचे. उन्होंने दिनेश को बुरी हालत में देखा. वे दिनेश को सीधे जिम लेकर आए. दिनेश ने मना भी किया लेकिन उनके ट्रेनर ने उनकी एक न सुनी. उसी जिम में भारतीय स्क्वैश की महिला चैंपियन दीपिका पल्लीकल भी आती थीं. जब उन्होंने दिनेश की स्थिति देखी तो ट्रेनर के साथ-साथ उन्होंने भी दिनेश की काउंसलिंग शुरू की. ट्रेनर और दीपिका के मेहनत रंग लाने लगी. दिनेश सुधार की राह पर थे . दूसरी ओर मुरली विजय का खेल लगातार ढलान पर था. खराब फार्म की वजह से मुरली विजय को भारतीय टीम से बाहर कर दिया गया. फिर आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स ने भी उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया.
दूसरी तरफ दीपिका पल्लीकल के सहयोग से दिनेश अभ्यास करने लगे थे. इसका असर दिखने लगा और दिनेश घरेलू क्रिकेट में लौटे और बड़े स्कोर बनाने लगे. आईपीएल में कोलकाता नाइट राइडर्स ने उन्हें अपनी टीम का कप्तान बना डाला. दीपिका से उनकी अंतरंगता बढ़ी और फिरउन्होंने दीपिका से शादी कर ली.
क्रिकेट की उम्र के मुताबिक दिनेश अब बूढ़े हो चुके हैं. ऋषभ पंत-संजू सैमसन का आगमन हो चुका था. दिनेश समझ गए थे कि अब उनका करियर खत्म हो चुका है. उन्होंने क्रिकेट से रिटायर होने का फैसला किया. उनकी पत्नी दीपिका पल्लीकल गर्भवती हुईं और उन्होंने जुड़वा बच्चों को जन्म दिया. दीपिका का स्क्वाश खेलना भी थम सा गया था. दीपिका और दिनेश की इच्छा थी कि उनका चेन्नई के संभ्रांत इलाके पोएस गार्डन एक बंगला हो, 2021 में चेन्नई के इसी इलाके में एक घर को खरीदने का ऑफर उनके पास आया. दिनेश ने उसे खरीदने का फैसला कर लिया. सब आश्चर्य कर रहे थे कि जब दीपिका और दिनेश दोनों ही करीब-करीब खेल से बाहर हो चुके हैं , तब इतना महंगा सौदा वे कैसे पूरा करेंगे. तभी दिनेश को सूचना मिली की चेन्नई सुपर किंग्स की ओर से महेंद्र सिंह धोनी उन्हें विकेटकीपर के रूप में वापस टीम में देखना चाह रहे हैं. 2022 आईपीएल की नीलामी शुरू हुई. लेकिन चेन्नई की जगह रॉयल चैलेंजर बंगलुरू ने उन्हें खरीद लिया. दिनेश की पत्नी दीपिका ने भी खेलना शुरू किया और अपनी जुड़वा बच्चों के जन्म के छह महीने बाद ही उन्होंने ग्लासगो में स्क्वैश की विश्व चैंपियनशिप में मिक्स्ड डबल्स के साथ महिला डबल्स का खिताब जीता. उनकी जोड़ीदार थीं जोशना पुनप्पा.
पत्नी की सफलता और नई टीम के साथ जुड़ने के बाद दिनेश के सपनों को मानो एक बार फिर पंख लग गए, दिनेश ने आईपीएल में कमाल दिखाना शुरू किया और कई मैच जिताऊ पारियां खेलीं. उन्हें आईपीएल का सबसे बड़ा फिनिशर माने जाने लगा. उनकी इन पारियों की बदौलत ही दिनेश को भारतीय टी20 टीम में फिर से जगह मिली, 37 साल की उम्र में दिनेश भारतीय टीम का हिस्सा बने. दिनेश की इस कहानी हमें प्रेरित करती है. उम्र के इस पड़ाव पर भी दिनेश कई युवा खिलाड़ियों के आदर्श हो सकते हैं. जरूरत संयम रखने की है और बाईस गज की पट्टी पर धमाकेदार प्रदर्शन जारी रखने की है.