नई दिल्ली: 76वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से नौंवी बार ध्वजारोहण करते हुए राष्ट्र को संबोधित भी किया। आजादी के इतने दशकों के बाद पूरे विश्व का भारत की तरफ देखने का नजरिया बदल चुका है. समस्याओं का समाधान भारत की धरती पर दुनिया खोजने लगी है। हमें अपने देश का विकास करते रहना है।
हम 2047 में देश की आजादी के 100 साल पूरे करेंगे तो हम अपने स्वतंत्रता सेनानियों के सभी सपनों को पूरा करने का प्रण लें। उन्होंने कहा, अगले 25 साल देश के बहुत महत्वपूर्ण हैं। हमें पंच प्रण की शक्ति पर ध्यान केंद्रित करना होगा। ये पंच प्रण हैं-
1.विकसित भारत
2.गुलामी से मुक्ति
3.विरासत पर गर्व
4. एकता और एकजुटता
5. नागरिकों का कर्तव्य
हमें 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य पर काम करना होगा। इसके लिए हम सबको मिलकर काम करना होगा। विकसित भारत हमारा पहला संकल्प है। यह बड़ा संकल्प है, लेकिन इससे कम हमें मंजूर नहीं है। 75 साल की यात्रा में आशाएं, अपेक्षाएं, उतार-चढ़ाव के बीच हरेक के प्रयास से हम आज यहां तक पहुंच पाए हैं।
पिछले 75 साल में देश विकास के ज्यादातर मापदंडों पर काफी आगे बढ़ा है। लेकिन, यह भी सच है कि हम अपने लक्ष्य से वर्षों दूर हैं। देश ने इन्फ्रास्ट्रक्चर, सोशल सेक्टर, इकॉनमी की दिशा में बहुत काम हुआ है लेकिन अभी बहुत कुछ करना बाकी है। शिक्षा और स्वास्थ्य पर हुए निवेश की रैंकिंग में भारत अफ्रीका के कई देशों से नीचे है।
—————इंडिया न्यूज स्ट्रीम